MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

6 अगस्त को रखा जाएगा सावन महीने का अंतिम प्रदोष व्रत, बन रहे कई मंगलकारी योग

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। जिससे उनकी कृपा साधकों पर बनी रहती है। शिव के भक्त हमेशा ही उनकी भक्ती में लीन में नजर आते हैं।
6 अगस्त को रखा जाएगा सावन महीने का अंतिम प्रदोष व्रत, बन रहे कई मंगलकारी योग

भारत में प्रदोष व्रत, अमावस्या व्रत, पूर्णिमा के दिन भक्तों द्वारा रखे जाने वाला व्रत सहित अन्य ऐसे बहुत सारे व्रत हैं। जिनका अपना-अपना अलग आध्यात्मिक महत्व होता है। इन सभी का अपना रहस्य भी होता है। अलग-अलग त्योहारों पर अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिस घर में सुख और शांति आती है। देश एक ऐसा देश है, जहां के लोग देवी-देवताओं को सबसे अधिक मानते हैं। सुबह उठकर उनकी पूजा करते हैं। शाम में उन्हें धूप-बत्ती दिखाते हैं, जिससे जीवन में सुख और शांति आ सके। भगवान के प्रति अटूट आस्था लोगों के बीच इतना अधिक है कि लोग इसके लिए उपवास भी करते हैं।

साल भर में कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें होली, दिवाली, रक्षाबंधन, गणेश उत्सव, तीज, छठ आदि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे त्योहार भी होते हैं, जो स्थानीय स्तर यानी कि राज्य में मनाए जाते हैं।

प्रदोष व्रत

इन्हीं में से एक प्रदोष व्रत है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। यह हर महीने शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती की भी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत रखने से जातकों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

राखी पूर्णिमा

ऐसे में लोगों के बीच सवाल बना हुआ है कि सावन का आखिरी प्रदोष व्रत यानी अगस्त महीने में यह किस दिन रखा जाएगा। सावन के अंतिम सप्ताह में प्रदोष व्रत के अलावा सोमवार और पुत्र एकादशी भी मनाए जाएंगे। वहीं, 9 अगस्त को सावन पूर्णिमा है, जिसे लोग रक्षाबंधन या राखी भी कहते हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा-धागा बांधती हैं और उनसे सुरक्षा की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहन को बहुत सारे तोहफे भेंट करता है। इसके अलावा, उसकी रक्षा करने की कसम खाता है।

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को दोपहर 2:08 पर होगी, जिसका समापन अगले दिन यानी 7 अगस्त को दोपहर 2:27 पर होगा। शाम के समय भगवान शिव की त्रयोदशी तिथि पर पूजा की जाती है, ऐसे में 6 अगस्त को ही सावन महीने का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन व्रत करने पर सभी को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इसके अलावा माता लक्ष्मी भी उनके घर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखेंगी।

महीने में रखा जाता है 2 बार

आपको बता दें कि हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इसका अर्थ है कि महीने में दो बार इस व्रत को रखा जाता है, जिस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को करने से जातक के सभी पाप धुल जाते हैं। इसके अलावा उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

बन रहे ये योग

इस खास मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, अन्य कई मंगलकारी योग भी बन रहे हैं, जिससे जीवन में चल रही सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। यह सभी योग बहुत ही ज्यादा मंगलकारी और शुभ माने जाते हैं। शिव के भक्त हर महीने दो बार इस व्रत को रखते हैं और देव आदि देव महादेव की भक्ति में लीन हो जाते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)