क्या हंसी से आती है खुशी! कैसे असर करता है हंसने का जादू, जानिए हंसी का मनोविज्ञान

हास्य वो दवा है जो मुफ्त है, बिना साइड इफेक्ट्स के है और हर किसी के लिए उपलब्ध है। तो आज से ही अपनी जिंदगी में हंसी का डोज बढ़ाएं। हर दिन कुछ ऐसा करें जो आपके चेहरे पर हंसी ले लाए, फिर चाहे वो एक मजेदार वीडियो देखना हो या अपने दोस्तों से पुराने मजेदार किस्से सुनना। और हंसी को सिर्फ किसी मजेदार स्थिति पर निर्भर न रखें। कभी-कभी बिना कारण के हंसना भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।

Laughter and Happiness : क्या आपने कभी सोचा है कि एक ठहाका आपकी जिंदगी को कितना रंगीन बना सकता है ? मनोविज्ञान की ताजा खोजें बता रही हैं कि हास्य सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ के लिए एक सुपरहीरो भी है। हंसी न सिर्फ तनाव को पल में छूमंतर करती है, बल्कि यह आपके दिमाग को भी एक नई ऊर्जा भी देती है।

हंसी बांटने से बढ़ती है..जब आप अपने करीबी लोगों के साथ हंसते हैं तो यह आपके रिश्तों को और मजबूत करता है। हंसी एक ऐसा सामाजिक कनेक्शन बनाती है, जो लोगों को एक-दूसरे के करीब लाती है। परिवार या दोस्तों के साथ मजेदार पल बिताना न सिर्फ आनंददायक होता है, बल्कि यह रिश्तों में प्रेम और समझ को भी बढ़ावा देता है। आइए जानते हैं कि हंसी से कैसे हम अपनी मेंटल हेल्थ बेहतर कर सकते हैं।

हंसी मतलब खुशी 

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जब हम हंसते हैं तो हमारा दिमाग एंडॉर्फिन और डोपामाइन जैसे “हैप्पी हॉर्मोन्स” रिलीज करता है। ये हॉर्मोन्स न सिर्फ मूड को लिफ्ट करते हैं, बल्कि स्ट्रेस हॉर्मोन कोर्टिसोल को भी कम करते हैं। इसलिए हंसी एक प्राकृतिक थेरेपी है। ये हमें तुरंत रिलैक्स करती है और चिंता को कम करने में मदद करती है। एक हालिया अध्ययन के मुताबिक रोजाना 10-15 मिनट हंसने वाले लोग डिप्रेशन और एंग्जाइटी से कम जूझते हैं।

सामाजिक बंधन का जादू

हास्य सिर्फ अकेले में नहीं, बल्कि दोस्तों और परिवार के साथ भी कमाल दिखाता है। एक मजेदार जोक या हल्की-फुल्की बातचीत रिश्तों को मजबूत करती है। जब आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ हंसी-मजाक करते हैं तो सारी टेंशन काफूर हो जाता है। मनोविज्ञान कहता है कि हास्य सामाजिक कनेक्शन को बढ़ाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

हंसी का साइंस और मनोविज्ञान

क्या आप जानते हैं कि हंसी आपके दिल के लिए भी अच्छी है? यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करती है। अमेरिका की एक रिसर्च के अनुसार, हास्य थेरैपी डिप्रेशन के मरीजों में दवाओं जितनी ही असरदार हो सकती है। तो अगली बार जब जिंदगी आपको रुलाए, तो एक जोक सुनाएं या कोई फनी मीम देखें।

कैसे लें लाफ्टर का डोज

तो क्या आपको हास्य को अपनी जिंदगी में शामिल करने के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन बनना पड़ेगा ? तो जवाब है बिल्कुल नहीं। छोटी-छोटी चीजें जैसे फनी वीडियोज देखना, दोस्तों के साथ मजेदार किस्से शेयर करना या किसी कॉमेडी शो का लुत्फ उठाना भी काफी है। मनोवैज्ञानिक सलाह देते हैं कि दिन में कम से कम एक बार ऐसा कुछ करें जो आपको हंसाए।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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