Mon, Dec 29, 2025

भारत का अनोखा और रहस्यमयी लेपाक्षी मंदिर, सुंदर नक्काशी मोह लेगी मन, जानें इतिहास

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
इस जगह पर हवा में तैरता हुआ स्तंभ भी है जो कि मंदिर के भार को अपने ऊपर संभाले हुए हैं। लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं। यहां का रहस्य काफी ज्यादा मजेदार है।
भारत का अनोखा और रहस्यमयी लेपाक्षी मंदिर, सुंदर नक्काशी मोह लेगी मन, जानें इतिहास

Lepakshi Temple : हम एक ऐसे देश के निवासी हैं, जहां सभी देवी-देवताओं ने जन्म लिया और यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम उन जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं। अक्सर लोग घूमने के लिए समुद्र के बीच पर जाना, पहाड़ की वादियों में जाना पसंद करते हैं। कई बार लोग धार्मिक स्थलों को भी एक्सप्लोर करना चाहते हैं। वैसे भी इन दिनों त्योहारों का सीजन चल रहा है कि जल्द नवरात्रि और दीवाली जैसे बड़े त्योहार आने वाले हैं। ऐसे में अगर आप कोई अनोखी जगह तलाश रहे हैं, जो अपने आप में रहस्यों से भरा हुआ हो, तो आपकी यह तलाश खत्म होने वाली है। आज हम आपको प्राचीन भारत की वास्तुकला की मंदिर के बारे में बताएंगे, जो काफी ज्यादा इंटरेस्टिंग फैक्ट्स छुपाए है। यहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है।

आंध्र प्रदेश में है स्थित

दरअसल, हम आपको आंध्र प्रदेश के आनंदपुर जिले में स्थित प्राचीन मंदिर लेपाक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां की वास्तुकला देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। इसके अलावा, इस जगह पर हवा में तैरता हुआ स्तंभ भी है जो कि मंदिर के भार को अपने ऊपर संभाले हुए हैं। लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं। यहां का रहस्य काफी ज्यादा मजेदार है।

16 सदी पुराना है इतिहास

सबसे पहले हम आपको यह बताएंगे कि इस मंदिर का नाम लेपाक्षी क्यों पड़ा? पौराणिक कथाओं में ऐसा बताया गया है कि एक राक्षस गाय की पूछ से खींचकर उसे यहां तक लाया था, जिस कारण मंदिर का नाम लेपाक्षी पड़ा है। अगर मंदिर के इतिहास की बात करें, तो यह करीब 16 शताब्दी पुरानी मानी जाती है। जब यहां पर कृष्णदेव राय का शासन काल था। तब इस मंदिर का निर्माण हुआ था जो कि हवा में लहराते स्तंभ पर मौजूद है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग में जटायु माता सीता को बचाते हुए यहीं पर गिरे थे, तब उन्हें भगवान राम ने उठने के लिए ले पक्षी कहा था। यह भी मंदिर के नाम का बड़ा कारण माना जाता है।

रहस्यों का नहीं मिला ठोस कारण

इस मंदिर के मुख्य केंद्र में मंडप है जोकि अपने शिल्पकारी के कारण काफी ज्यादा आकर्षित लगती है। इसके अलावा, मंदिर के दीवार पर सुंदर नक्काशी की गई है। यहां पर आपको भगवान शिव, विष्णु, गणेश सहित बहुत से भगवानों की चित्रकारी देखने को मिलेगी। यह सालों भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है। हालांकि, त्योहार के दिन में यहां पर भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। इस मंदिर में स्थित उड़ता हुआ स्तंभ अपने आप में काफी रहस्य लिए हुए है। यह बहुत बड़ा पत्थर है जो बिना किसी सहारे के हवा में लटका हुआ है। इस रहस्य के बारे में हर कोई पता लगाना चाहता है, लेकिन आज तक इसका कोई ठोस कारण नहीं मिल पाया है। कुछ लोग इसे चमत्कार मानते हैं, तो कुछ लोग इसे आध्यात्मिक घटना मानते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)