साहित्यिकी : आईये पढ़ें मुंशी प्रेमचंद की मशहूर कहानी ‘बड़े भाई साहब’

“वीकेंड शुरू हो रहा है। हम सब इस समय को खूब इन्जॉय करना चाहते हैं। लेकिन क्या ही अच्छा हो अगर मनोरंजन के साथ कुछ ज्ञानवर्धन भी हो जाए। इसीलिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाई साहब’। ये कहानी बेहद मनोरंजक होने के साथ बहुत संदेशपरक भी है। पारिवारिक तानेबाने में बुनी कहानी में दो भाईयों के बीच की स्थिति दर्शाई गई है। तो आईये पढ़ते हैं ये मशहूर कहानी।”

                                                       बड़े भाई साहब

मेरे भाई साहब मुझसे पॉँच साल बडे थे, लेकिन तीन दरजे आगे। उन्‍होने भी उसी उम्र में पढना शुरू किया था जब मैने शुरू किया; लेकिन तालीम जैसे महत्‍व के मामले में वह जल्‍दीबाजी से काम लेना पसंद न करते थे। इस भवन कि बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे जिस पर आलीशान महल बन सके। एक साल का काम दो साल में करते थे। कभी-कभी तीन साल भी लग जाते थे। बुनियाद ही पुख्‍ता न हो, तो मकान कैसे पाएदार बने।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।