भारत के इस राज्य में स्थित है पेड़ों की जिंदा जड़ों से बनाया गया ब्रिज, 200 साल पुराना है इतिहास

अगर आप भी फिलहाल कहीं घूमने जाने का मन बना रहे हैं और आपको समुद्र तट के किनारे या फिर पहाड़ की वादियों में नहीं जाना, बल्कि कुछ अलग सा एडवेंचर ट्राई करना है, तो आज की खबर आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाली है।

Sanjucta Pandit
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Living Tree Root Bridge of Meghalaya : इंसान अपने जीवन में इतना ज्यादा व्यस्त रहता है कि उन्हें खुद के लिए समय नहीं मिल पाता। ऐसे में दोस्त, फैमिली या पार्टनर के साथ वह वक्त नहीं गुजार पाता। इसलिए छुट्टी के मौके पर अक्सर लोग ट्रिप प्लान करते हैं। हालांकि, कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें घूमना बहुत ज्यादा पसंद होता है। अगर आप भी फिलहाल कहीं घूमने जाने का मन बना रहे हैं और आपको समुद्र तट के किनारे या फिर पहाड़ की वादियों में नहीं जाना, बल्कि कुछ अलग सा एडवेंचर ट्राई करना है, तो आज की खबर आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाली है। आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बिल्कुल अगल और अनोखा होगा।

भारत के इस राज्य में स्थित है पेड़ों की जिंदा जड़ों से बनाया गया ब्रिज, 200 साल पुराना है इतिहास

खूबसूरती मोह लेगी मन

वैसे तो भारत में एक से बढ़कर एक सुंदर जगह है, जहां की खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। अक्सर आपने फिल्मों में यह देखा होगा कि पेड़ों की जड़ों से पुल बनाया गया है, तब आपके मन में यह विचार आता होगा कि इस जगह को एक्सप्लोर करने में कितना अच्छा लगेगा। अगर आपके मन ऐसी जगह को एक्सप्लोर करना है, तो इस खबर को अंत तक पढ़िएगा।

200 साल पुराना इतिहास

दरअसल, हम आज आपको लिविंग ट्री रूट ब्रिज के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि मेघालय में स्थित है। इसका इतिहास 200 साल पुराना माना जाता है। इसमें एक बार में 50 लोग एक छोर से दूसरे छोर तक जा सकते हैं। इतना पुराना होने के बाद भी यह किसी भी तरीके से कमजोर नहीं हुआ है। इस ब्रिज पर चढ़ना अपने आप में एक अलग अनुभव देता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसे पेड़ों की जिंदा जड़ों से बनाया गया है जो देखने में धागे से बुना हुआ लगेगा। यह घने जंगल के बीचों-बीच स्थित है। इसे बनाने में 15 साल का लंबा वक्त लगा था। इसकी खूबसूरती पर चार-चांद तब लग जाता है, जब इसकी कई जेड पानी में भीगती रहती है। ऐसे में यह धीरे-धीरे सड़ भी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि यह पुल कमजोर हो जाता हो, बल्कि इसकी जगह पर नई जड़े निकल आती है। इस वक्त का नजारा अपने आप में अद्भूत होता है।

वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित

यहां पर आप अपनी फोटो शूट भी करवा सकते हैं। इस ब्रिज को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया है। इसके बारे में वैसे तो बहुत ही कम लोगों को पता है। यह बिल्कुल प्राकृतिक रूप से निर्मित है। हालांकि, जो टूरिस्ट यहां पर आते हैं, इस ब्रिज को अवश्य एक बार पार करते हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें इस बात का भय लगा भी रहता है कि कहीं यह बीच में ही टूट न जाए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होता है। यहां आप अपने दोस्तों के साथ जा सकते हैं। बारिश का मौसम यहां का सबसे प्रतिकूल समय माना जाता है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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