भारत के इस अनोखे गांव में जरूरी है लव मैरिज, लंबे समय से चल रही परंपरा

भारत के इस गांव में तीन पीढ़ियों से यह परंपरा निभाई जा रही है। इसके लिए यह फेमस भी है, जिसके लिए लोग एक-दूसरे से लड़ते भी नहीं है, बल्कि वह खुशी-खुशी इस रिश्ते का स्वागत करते हैं।

Sanjucta Pandit
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Love Marriage Village of India : भारत छोटे-छोटे गांव, शहर और राज्यों से मिलकर बना है। उसकी अलग महत्व परंपरा और रीति-रिवाज है। देश का हर एक कोना किसी न किसी जगह के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे ही एक गांव के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जहां सबसे ज्यादा लव मैरिज होता है और इसे लव मैरिज गांव की नाम से भी लोग जानते हैं। भारतीय समाज में ज्यादातर लोग अरेंज मैरिज को तवज्जो देते हैं। अपनी बिरादरी में ही विवाह करना पसंद करते हैं, लेकिन इस गांव में लोग दूसरी बिरादरी में शादी रचाते हैं।

भारत के इस गांव में करीब 90% शादियां लव मैरिज होती है, जिसे लव मैरिज गांव के नाम से भी जाना जाता है। यहां के लोग एक दूसरे के फैसले से काफी खुश रहते हैं। यह परंपरा कई पीढ़ियों से निभाई जा रही है, जिसे सभी खुशी-खुशी निभाते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से यहां…

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भाटपोर गांव (Bhatpore Village)

वैसे तो जीवनसाथी चुनने का अधिकार हर किसी को होता है। अपने पसंद के साथी के साथ शादी करने से जीवन खुशियों से भरा रहता है। एक दूसरे की समझदारी से जीवन की गाड़ी अच्छे से चल पाती है। ऐसे में गुजरात के सूरत में स्थित भाटपोर गांव में ज्यादातर शादियां लव वाली होती है। यहां लोग अपनी पसंद से पार्टनर चुनते हैं। उसके बाद जीवन भर के लिए एक-दूसरे को अपना साथी बना लेते हैं। इस दौरान दोनों परिवारों में किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं होता, बल्कि वह खुशी-खुशी इस रिश्ते का स्वागत करते हैं और एक दूसरे की खुशियों में शामिल भी होते हैं।

लव मैरिज है पहचान

इस गांव के लोगों की पहचान लव मैरिज ही है। पिछले काफी लंबे समय से इस परंपरा को निभाया जा रहा है। इसके फायदे गिनवाते हुए यहां के लोग कहते हैं कि लड़कियों को शादी के बाद गांव छोड़कर भी नहीं जाना पड़ता और ना ही जीवनसाथी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। वह अपने ही गांव में रहती है और परिवार की देखभाल भी करती है।

तीन पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा

भोटपोर गांव में तीन पीढियां से लोग लव मैरिज रचा रहे हैं। इससे आसपास के लोगों से रिश्ते भी काफी स्ट्रॉन्ग है। माता-पिता से लेकर बुजुर्ग और आसपास के लोग भी शादियों में आशीर्वाद देने पहुंचते हैं। इस गांव की अनोखी परंपरा समाज में सकारात्मक मैसेज देने का काम करती है। यहां की विविधता और संस्कृति इन्हें बाकियों से अलग बनाती है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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