Mahatma Gautam Buddha : महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक माने जाते हैं। उनका जन्म लगभग 563 ईसा पूर्व माना जाता है। बुद्ध का जन्म, जीवन और उनके उपदेशों का अनुसरण करने वाले लोग हमेशा खुश रहते हैं। उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य दुख से मुक्ति प्राप्त करना था। वे ध्यान और तपस्या के माध्यम से आत्मज्ञान की खोज में लगे और अपने उपदेशों के माध्यम से दुनिया को दुख से छुटकारा पाने का मार्ग दिखाया।
बुद्ध के उपदेशों के अनुसार, बौद्ध धर्म के मुख्य चार लक्षण हैं। जिनमें दुःख का सत्य, दुःख का कारण, दुःख से निवृत्ति का मार्ग और दुःख से निवृत्ति के लक्षण शामिल है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको महात्मा बुद्ध के ये विचार बताएंगे।
अपनाएं ये गुण
- जिंदगी में सफलता पाने के लिए अच्छे मित्र बनाएं। महात्मा बुद्ध के अनुसार, आपके केवल एक मित्र हो, लेकिन वह ऐसा हो कि सुख-दुख सर्दी, गर्मी, बरसात हर समय आपके लिए तत्पर रहे। सुख में तो हर कोई साथ देता है, लेकिन दुख में साथ देने वाला ही आपका असली मित्र होता है। इसलिए सक्सेस पाने के लिए हमेशा सच्चे मित्र बनाएं।
- अपने रास्ते में कभी भी क्रोध को नहीं आने दे क्योंकि यह एक ऐसी चीज होती है जो इंसान को बर्बाद कर सकती है। इसलिए मनुष्य को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। वह इंसान सफलता प्राप्त कर सकता है। क्रोध और अहंकार दोनों ही ऐसी गुण हैं जो हमें संघर्ष में डाल सकते हैं। इससे जीवन बर्बाद हो सकता है। क्रोध कई बार हमें गलत करने के लिए प्रेरित करता है जो बाद में पछतावा और असफलता लाता है। इसलिए सफलता प्राप्त करने के लिए इंसान को हर काम में विनम्रता, संवेदनशीलता और सहयोग की भावना से करनी चाहिए।
- मित्र की संगति कई बार हमें बुरे काम करने के लिए उकसाती है, लेकिन इस दौरान आपको खुद की बुद्धि का प्रयोग करते हुए बुरा काम नहीं चाहिए। अनैतिकता से जीवन का नाश होता है, इसलिए ऐसा करने से बचे। इसलिए हमें अपने मित्रों के साथ भले के काम करना चाहिए।
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