Make Unique Use of Leftover Holi Colors : होली का उत्सव समाप्त हो चुका है और जीभर के रंग खेलने के बाद भी कुछ न कुछ रंग बच ही जाते हैं। ऐसे में आप इन बचे हुए रंगों का क्या करते हैं। अगर आप भी इन्हें अलमारी में बंद करके अगले साल के लिए रख देते हैं तो मानकर चलिए कि वो एक तरह से ज़ाया ही हैं। या फिर, उन्हें फेंक दिया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये रंग न सिर्फ पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं, बल्कि संसाधनों की बर्बादी भी हैं।
तो क्यों न इस बार इन बचे हुए रंगों का कुछ रचनात्मक उपयोग किया जाए। अगर हम थोड़ी सी क्रिएटिविटी और कल्पनाशीलता से काम लें तो इन बचे हुए रंगों से बहुत कुछ किया जा सकता है। ऑर्गेनिक रंगों को पानी में घोलकर घर की दीवारों, बर्तनों या कपड़ों पर कुछ सुंदर प्रयोग किया जा सकता है। बस आप अपन कल्पनाओं के घोड़े दौड़ाइए और आपके पास ऐसे कई आइडिया आ जाएंगे। हम भी आपके साथ ऐसे ही कुछ आइडिया शेयर कर रहे हैं।

1. कला और शिल्प में उपयोग करें
अगर आपके पास गुलाल या सूखे रंग बचे हैं, तो उन्हें कला और शिल्प (Art & Craft) में इस्तेमाल किया जा सकता है।
पेंटिंग : इन्हें पानी या गोंद में मिलाकर सुंदर कलाकृतियां बनाई जा सकती हैं।
हैंड मेड ग्रीटिंग कार्ड : बच्चों के लिए यह एक बेहतरीन एक्टिविटी हो सकती है। रंगों से कार्ड बनाकर उन्हें दोस्तों और परिवार वालों को उपहार में दिया जा सकता है।
कपड़ों पर डिजाइन : अगर रंग प्राकृतिक हैं, तो कपड़ों पर टाई-डाई (tie-dye) तकनीक से आकर्षक डिज़ाइन बनाई जा सकती है।
2. रंगोली और सजावट में उपयोग करें
गुलाल जैसे सूखे रंगों का उपयोग घर की सजावट में किया जा सकता है।
रंगोली : बचे हुए रंगों से खूबसूरत रंगोली बनाई जा सकती है, खासकर किसी त्योहार या शुभ अवसर पर।
दीवारों और गमलों की सजावट : इन्हें हल्के गोंद या पेंट में मिलाकर दीवारों, मिट्टी के गमलों, या लकड़ी की चीजों पर सुंदर डिजाइन बनाए जा सकते हैं।
3. प्राकृतिक खाद के रूप में इस्तेमाल करें
अगर आपके बचे हुए प्राकृतिक रंग हैं (फूलों, हल्दी, चंदन आदि से बने हुए) तो इन्हें जैविक खाद में बदला जा सकता है।
पानी में मिलाकर पौधों में डालें : प्राकृतिक रंगों को पानी में घोलकर पेड़ों और पौधों की जड़ों में डाला जा सकता है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी।
खाद में मिलाएं : होममेड कम्पोस्ट में इन रंगों को मिलाकर मिट्टी की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है।
4. सामाजिक कार्यों में योगदान दें
यदि आपके पास अधिक मात्रा में रंग बच गए हैं, तो आप उन्हें जरूरतमंद लोगों या संस्थानों को दान कर सकते हैं।
स्कूल और अनाथालय : जहां ये रंग बच्चों की कला और शिल्प की गतिविधियों में काम आ सकते हैं।
सामुदायिक केंद्र : जहां होली खेलने से वंचित बच्चों को खुशियां बाँटने का मौका मिलेगा।
रंगोली प्रतियोगिताओं में सहयोग : बचे हुए रंगों को किसी स्कूल या सोसाइटी में होने वाली रंगोली प्रतियोगिताओं में दान किया जा सकता है।
5. घर की सफाई और घर महकाने में करें प्रयोग
अगर गुलाल के रंगों में चंदन, गुलाब या अन्य सुगंधित तत्व मिले हैं तो इन्हें घर में सुगंध फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सूखे गुलाल को पानी में घोलकर पोछा लगाते समय इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे घर में हल्की भीनी-भीनी खुशबू आ सकती है।
6. केमिकलयुक्त रंगों का सही निपटान करें
अगर आपके पास सिंथेटिक या केमिकल युक्त रंग हैं, जो दोबारा इस्तेमाल नहीं किए जा सकते तो इन्हें सावधानीपूर्वक डिस्पोज़ करें। इन रंगों को डायरेक्ट नालियों में न बहाएं। इससे जलस्रोत दूषित हो सकते हैं। पहले इन्हें सुखा लें और फिर कूड़ेदान में डालें।