मीठा खाकर भी आप वजन पर रख सकते हैं काबू, जानिए स्वीट टूथ के साथ फिट रहने के तरीके

Weight To Stay Fit While Eating Sweet : जो लोग वजन घटाने की कोशिशों में जुटे होते हैं या फिर फिट रहना चाहते हैं, वो सबसे पहले मीठा खाने से तौबा करते हैं। मीठा खाने के बाद कैलोरी बर्न करने के लिए जम कर मशक्कत करनी पड़ती है। जिनका वजन आसानी से नहीं बढ़ता उनके लिए तो मीठा किसी मुसीबत से कम नहीं होता। लेकिन आयुर्वेद में इस मुसीबत का भी तोड़ है। अगर आपको मीठा खाने का बहुत शौक है तो फिटनेस के चक्कर में अपने मन को मत मारिए। बल्कि कुछ आयुर्वेदिक टिप्स को फोलो कीजिए। आयुर्वेद एक्सपर्ट दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर कुछ टिप्स शेयर किए हैं। जिसमें उन्होंने बताया है कि वो किस तरह से मीठा खाकर भी अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।

मीठा खाने के बाद वेट मैनेज करने की एक्सपर्ट टिप्स

  • वेट मैनेज करने के लिए मीठा पूरी तरह छोड़ने की जरूरत नहीं लेकिन मीठे की मात्रा सीमित करने की जरूरत है। आपको बस ये ध्यान रखना है कि क्रेविंग या लालच की वजह से आप ज्यादा मीठा न खा लें। जो भी खाएं उसे धीरे धीरे आराम से खाएं ताकि कम मात्रा में भी तसल्ली हो जाए।
  • मीठा खाने के कम से कम आधे घंटे बाद गर्म पानी जरूर पिएं। पानी आपको धीरे-धीरे एक एक घूंट करके पीना है। हो सकता है ऐसी सलाह आपने पहले भी सुनी हो। इसे अवॉइड करने की जगह अप्लाई जरूर करें।
  • मीठा खाने के एक घंट बाद याद से पुदीने और अदरक से बनी चाय पिएं। आप मीठी नीम के पत्ते लें, उसमें मुट्ठी भर पुदीना की पत्ती मिला लें और अदरक किस कर मिक्स कर लें। एक बर्तन में पानी लें। सारी चीजें उसमें डाल कर उबाल लें। तीन मिनट तक उबालने बाद इस पानी को धीरे धीरे करके पिएं। इस पानी से मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है और खाना जल्दी हजम होता है।
  • कोशिश करें की मीठा आप दिन के समय ही खा लें। डिनर के वक्त आपको मीठा न खाना पड़े।
  • जिस दिन लंच में आप हैवी खाना खाएं या मीठा खाएं, उस दिन डिनर को हल्का रखें।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MP Breaking news इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”