Tue, Dec 30, 2025

मिलेट्स की वापसी: ‘गरीबों का अनाज’ बना अब ग्लोबल सुपरफूड, जानिए दुनिया के कुछ अनोखे और कम प्रचलित श्रीअन्न के बारे में

Written by:Shruty Kushwaha
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क्या आप जानते हैं कि मिलेट्स की खेती 10,000 साल से अधिक समय से हो रही है। ये चीन, अफ्रीका और भारत में नवपाषाण युग से उगाए जाते रहे हैं। ये एक ही अनाज नहीं, बल्कि विभिन्न घास प्रजातियों का समूह हैं। मिलेट्स को उनकी उच्च पोषण सामग्री जैसे कि कैल्शियम, आयरन, फाइबर के कारण 'सुपरफूड' कहा जाता है। कोदो मिलेट को मिट्टी का डॉक्टर कहा जाता है, क्योंकि ये मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद करता है और नाइट्रोजन को स्थिर करता है। मिलेट्स में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स और कम नमी होती है, जिसके कारण इन्हें बिना खराब हुए कई वर्षों तक रखा जा सकता है।
मिलेट्स की वापसी: ‘गरीबों का अनाज’ बना अब ग्लोबल सुपरफूड, जानिए दुनिया के कुछ अनोखे और कम प्रचलित श्रीअन्न के बारे में

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Millets as Superfood : कहते है बीता समय लौटकर आता है। चाहे फैशन हो, खानपान, या फिर रहन-सहन की आदतें…समय का पहिया घूमता है और  गुजरे जमाने की बातें फिर ट्रेंड में आ जाती हैं। ये बात हम इस समय देख रहे हैं जब देश-दुनिया में मिलेट्स यानी मोटे अनाज के गुणों पर चर्चा हो रही है।

जिस अनाज को कभी “गरीबों का भोजन” कहकर पीछे छोड़ दिया गया था, वो आज सुपरफूड के तमगे के साथ लोगों की थाली में लौट रहा है। और इस बार सिर्फ स्वाद या परंपरा के लिए नहीं, बल्कि सेहत और फिटनेस के लिए भी। मोटा अनाज या श्रीअन्न जैसे कि बाजरा, ज्वार, रागी, कोटो, कुटरी का पोषण औषधीय गुणों में से कम नहीं। आज देश-दुनिया के शोध संस्थान, डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ इन मिलेट्स की खूबियों पर बात कर रहे हैं।

Millets: पोषण का खजाना

एक समय था जब हमारे दादा-दादी की थाली में बाजरा, रागी और ज्वार जैसे मिलेट्स प्रमुखता से जगह पाते थे। लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध में ये पोषण के खजाने कहीं पीछे छूट गए। मगर दौर बदला और एक बार फिर  स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और पर्यावरण के प्रति चिंता ने इन अनाजों को सुर्खियों में ला दिया है। आज हम इन्हीं मिलेट्स की बात करेंगे लेकिन कुछ ऐसे कम प्रचलित हैं। ऐसे मिलेट्स जो दुनिया के अलग अलग हिस्सों में पाए जाते हैं..जो पोषण से भरपूर हैं और स्वाद से भी।

जानिए कुछ कम प्रचलित मिलेट्स के बारे में

फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail Millet / Kangni) : ये मिलेट पूर्वी एशिया (चीन, जापान, कोरिया) और कुछ हद तक यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में उगता है। ये कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और विटामिन बी से भरपूर होता है जो दिल की सेहत, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण, और वजन कंट्रोल करने में मददगार होता है। ये कम समय में पकने वाली फसल है और अनाज स्वाद में हल्का, नरम और थोड़ा मीठा होता है। इसका उपयोग पॉरिज, नूडल्स, और स्टफिंग के लिए किया जाता है। भारत में भी कांगनी की खिचड़ी, उपमा, और पुडिंग आदि बनता है।

प्रोसो मिलेट (Proso Millet / Barri) : ये अनाज उत्तरी अमेरिका, रूस, चीन, और पूर्वी यूरोप में पाया जाता है। ये प्रोटीन, फाइबर, और एंटीऑक्सिडेंट्स का अच्छा स्रोत है। हृदय स्वास्थ्य, पाचन में सुधार, और ग्लूटेन फ्री होने के कारण ये काफी पोषक माना जाता है। इसका स्वाद थोड़ा मीठा और कुरकुरा होता है। प्रोसो मिलेट का उपयोग सलाद, पिलाफ और बर्गर पैटी में किया जाता है। चीन और रूस में इससे पॉरिज, ब्रेड, और पारंपरिक सूप बनता है। हमारे यहां भी बर्री की खिचड़ी, रोटी और स्नैक्स बनाए जाते हैं।

बार्नयार्ड मिलेट (Barnyard Millet / Sanwa) : ये आपको जापान, कोरिया, भारत और कुछ हद तक ऑस्ट्रेलिया में भी मिलेगा। पोषण की बात की जाए तो इसमें फाइबर, आयरन और फॉस्फोरस से भरपूर मात्रा में होता है। ये वजन घटाने के साथ पाचन और डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद है। अच्छी बात ये कि इसे कम उपजाऊ मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। इसका स्वाद हल्का चावल जैसा होता है। जापान में बार्नयार्ड मिलेट से राइस, सूप और स्टिर-फ्राई बनाया जाता है। भारत में सांवा की खिचड़ी, उपमा और इडली जैसे व्यंजन बनते है। इसे आप चावल के विकल्प के रूप में खा सकते हैं।

टेफ (Teff) : मुख्य रूप से इथियोपिया और इरिट्रिया का अनाज है लेकिन अब ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और यूरोप में भी उगाया जा रहा है। कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और विटामिन सी का उत्कृष्ट स्रोत। है। ये एनीमिया से बचाव और हड्डियों को मजबूत करता है और ग्लूटेन फ्री भी है। इसका स्वाद हल्का नटी होता है। इथियोपिया में इससे इंजेरा (खट्टा फ्लैटब्रेड), टेफ पॉरिज बनाया जाता है। पश्चिमी देशों में टेफ से स्मूदी, पैनकेक, कुकीज वगैरह बनती हैं।