मोगरे में फूल नहीं आ रहे? माली का प्याज वाला ये नुस्खा कर देगा कमाल, करें ट्राय

अगर आपके मोगरे के पौधे में फूल नहीं आ रहे हैं, तो चिंता की बात नहीं। एक माली ने ऐसा देसी नुस्खा बताया है जिससे मोगरे की हर टहनी फूलों से भर जाएगी। खास बात ये है कि इस नुस्खे में प्याज का इस्तेमाल होता है, जो पौधे की ग्रोथ को तेजी से बढ़ाता है और उसे खिलने के लिए प्रेरित करता है।

मोगरे के छोटे-छोटे सफ़ेद फूल बड़े ही ख़ूबसूरत लगते हैं। इन फूलों का इस्तेमाल गजरा बनाने के लिए किया जाता है, इनकी मंद-मंद ख़ुशबू इतनी मनमोहक होती है, कि हर किसी को अपना दीवाना बना देती है। जब हम मोगरे के फूलों को अपने घर में लगाते हैं तो ये न सिर्फ़ हमारे घर की शोभा बढ़ाने में मदद करते हैं बल्कि हवा को शुद्ध बनाने का भी काम करते हैं।

लेकिन कई लोगों की यह शिकायत रहती है कि मोगरे का पौधा घर पर लगाएं तो लगाएं कैसे? वहीं कहीं लोगों की यह शिकायत भी रहती है कि मोगरे का पौधा घर में लगा तो लिया है लेकिन उसमें फूल नहीं खिल रहे हैं। इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि मोगरे ये पौधे को ज़्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि सही देखभाल की आवश्यकता होती है।

मोगरे के पौधे की कैसे देखभाल करें?

आज हम आपको इस लेख में एक ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने मोगरे के पौधों में ढेर सारे फूल पा सकते हैं। चलिए फिर जानते हैं, पौधों की सही देखभाल के लिए आप घर पर कैसे फर्टिलाइजर बना सकते हैं? बाज़ार से महंगे महंगे फर्टिलाइजर ख़रीदने की बजाय आप घर पर ही प्याज़ के छिलकों की मदद बिलकुल नैचरल फर्टिलाइजर तैयार कर सकते हैं।

प्याज़ के छिलकों से लिक्विड फर्टिलाइजर कैसे बनाएँ?

लिक्विड फर्टिलाइजर तैयार करने के लिए प्याज़ के छिलकों को काटकर एक बर्तन में डाले। अभी इस बर्तन में कम से कम एक लीटर पानी मिलाएँ। आप इसमें थोड़े से नींबू के छिलके भी डाल सकते हैं। अब इस मिश्रण को कम से कम 4-5 दिनों के लिए ढककर धूप वाली जगह पर रखें। दिन में एक बार इसी लकड़ी की मदद से हिलाकर देख सकते हैं। 4-5 दिनों में यह फर्टिलाइजर बनकर तैयार हो जाएगा।

मोगरे के पौधे में लिक्विड फर्टिलाइजर कैसे डालें?

इस लिक्विड फर्टिलाइजर का इस्तेमाल पौधों में कभी भी सीधा नहीं करना चाहिए। पौधों में डालने से पहले इसमें थोड़ा सा पानी मिलाना चाहिए। इसका इस्तेमाल आप 15 दिन में एक बार कर सकते हैं। कुछ ही दिनों में आपको फ़र्क नज़र आने लगेगा, पौधों में ढेरों फूल भी खिलने लगेंगे।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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