मनी प्लांट (Money Plant) का पौधा हर किसी को पसंद होता है। घर हो या ऑफ़िस इसे हर कोने में लगाना हर कोई चाहता है। मनी प्लांट का पौधा न सिर्फ़ दिखने में ख़ूबसूरत लगता है, बल्कि वास्तु शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व बताया गया। यही कारण है कि अधिकांश लोग अपने घरों में मनी प्लांट का पौधा लगाते हैं। ये पौधा पॉज़िटिव एनर्जी को अपनी तरफ़ आकर्षित करता है।
लेकिन अक्सर लोगों की शिकायत रहती है, ख़ासतौर पर गर्मियों के मौसम में अच्छी ख़ासी देखभाल के बावजूद भी मनी प्लांट की पत्तियाँ पीली पड़ जाती है, ऐसे में लोग परेशान हो जाते हैं। कोई यूट्यूब पर अलग अलग उपाय देखता है, तो वही कोई बाज़ार में मिलने वाले महंगे फर्टिलाइजर ख़रीद कर लाता है। अगर आपको भी मनी प्लान की पीली पत्तियों की टेंशन सता रही है, तो अब आपको टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। हम आपको इस आर्टिकल में एक ऐसा आसान देसी नुस्ख़ा बताने जा रहे हैं, जिसके इस्तेमाल के बाद आपका मनी प्लांट का पौधा हरा भरा हो जाएगा।
गर्मी में कैसे करे मनी प्लांट की देखभाल?
अक्सर लोग प्याज़ का इस्तेमाल करने के बाद प्याज़ के छिलकों को कचरा समझ कर डस्टबीन में फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज़ के छिलके पेड़ पौधों के लिए कितने काम के हो सकते हैं। आज हम आपको प्याज़ के छिलकों से एक घोल बनाना बताएँगे। इसे गोल की मदद से मनी प्लांट की पीली पत्तियां फिर से हरी भरी हो जाएंगी। ये घोल पूरी तरह से नैचुरल है, इसके इस्तेमाल से मनी प्लांट का पौधा खिल उठेगा।
कैसे तैयार करें प्याज़ के छिलके का घोल?
- मनी प्लांट के पौधे के लिए प्याज़ के छिलके का घोल बनाने के लिए, सबसे पहले एक बर्तन में प्याज़ के छिलकों को इकट्ठा कर लें।
- इसके बाद उसी बर्तन में कम से कम एक लीटर पानी डालकर गैस पर मीडियम फ़्लैम पर उबालें।
- इस बात का ध्यान रखें कि आपको प्याज़ के छिलकों को तब तक उबालना है जब तक कि पानी का रंग हल्का भूरा न हो जाए।
- इस प्रक्रिया में 10-15 मिनट आराम से लग सकते हैं। जब पानी का रंग भूरा हो जाता है तो इसका मतलब है कि प्याज़ के छिलकों का पोषण पानी में घुल चुका है।
- इसके बाद गैस बंद करें और पानी को ठंडा होने दें। जब पानी ठंडा हो जाए तो छन्ने की मदद से पानी को एक अलग बर्तन में छान लें।
- अब प्याज़ के छिलकों का पानी तैयार हो चुका है, अब आप इसे सीधे मनी प्लांट के पौधों में डाल सकते हैं।
- इस बात का ध्यान रखें, इस घोल का इस्तेमाल हफ़्ते में दो बार करना ठीक रहेगा, ज़्यादा लालच के चक्कर में घोल का ज़्यादा इस्तेमाल न करें, ऐसा करने से पौधों को फ़ायदा पहुँचने की बजाय नुक़सान पहुँच सकता है।





