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Sat, Dec 20, 2025

बारिश के मौसम में खूब खिलता है यह फूल, गमले में लगाना भी है बहुत आसान…जानें उगाने का सही तरीका

Written by:Bhawna Choubey
Published:
बारिश में खिलने वाला रेन लिली सिर्फ़ ख़ूबसूरत ही नहीं बल्कि गमले में भी इसे उगाना बेहद आसान होता है। इसकी देखभाल भी आसान होती है और यह कम समय में घर की शोभा बढ़ा देता है। आइए जानते हैं कि रेन लिली को उगाने का सही तरीक़ा क्या है।
बारिश के मौसम में खूब खिलता है यह फूल, गमले में लगाना भी है बहुत आसान…जानें उगाने का सही तरीका

बरसात के मौसम में बारिश की बूँदे न केवल धरती की प्यास पहुँचाती है बल्कि गार्डनिंग के शौकीनों के लिए भी ढेरों खुशियाँ लेकर आती है। ऐसा ही एक तोहफ़ा है की रेन लिली। इस पौधे को बारिश बेहद पसंद है, बारिश का मौसम आते ही बगीचों और गमलों में इसके फूल खिल उठते हैं। सफ़ेद, गुलाबी और पीले रंगों में आने वाला यह फूल दिखने में सुंदर ही नहीं बल्कि इसे उगाना और देखभाल करना भी बेहद आसान है।

रेन लिली प्लांट को आप घर की बालकनी, खिड़की के पास या आंगन में गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं। बारिश के दिनों में यह बिरंगे फूलों से हर किसी का ध्यान खींचता है। इसकी सुंदरता के साथ साथ इसकी लंबी उम्र और देखभाल की न्यूनतम ज़रूरत ऐसे शौकीनों के बीच और भी लोकप्रिय बनाती है।

रेन लिली उगाने का सही तरीका और देखभाल के टिप्स

कैसे लगाएं रेन लिली

मिट्टी की तैयारी: रेन लिली के लिए दो भाग गार्डन सॉयल, एक भाग रेत और एक भाग कंपोस्ट मिलाकर मिट्टी तैयार करें। यह मिश्रण पानी का सही ड्रेनेज सुनिश्चित करता है।

बल्ब लगाना: बल्ब को 2-3 इंच गहराई तक गमले में दबाएं। बल्ब का नुकीला सिरा ऊपर की ओर रखें।

धूप और पानी: बल्ब लगाने के बाद गमले को ऐसी जगह रखें जहां सुबह की हल्की धूप आती हो। हल्का पानी डालें लेकिन पानी जमा न होने दें।

बारिश में कैसे करें देखभाल

अत्यधिक पानी से बचाएं: बारिश के दौरान अधिक पानी होने से बल्ब सड़ सकते हैं। अगर गमला खुला हो, तो उसमें छेद ज़रूर रखें ताकि पानी निकल सके।

धूप का ध्यान रखें: रेन लिली को हल्की धूप पसंद है। अधिक तेज धूप से पत्तियां झुलस सकती हैं।

खाद का उपयोग: महीने में एक बार वर्मी कम्पोस्ट या लिक्विड खाद देने से फूल ज्यादा और लंबे समय तक खिलते हैं।

रेन लिली से जुड़ी खास बातें जो हर माली को जाननी चाहिए

कम मेहनत में ज्यादा नतीजा

रेन लिली को उगाने और पालने के लिए अधिक अनुभव की ज़रूरत नहीं होती। यह पौधा स्वाभाविक रूप से मौसम के अनुकूल खुद को ढाल लेता है। न धूप की ज्यादा ज़रूरत, न ही बार-बार खाद और पानी यही इसकी सबसे बड़ी खूबी है।

जलवायु और स्थान के अनुसार अनुकूलता

रेन लिली को भारत की जलवायु काफी अनुकूल लगती है, खासकर मध्य भारत, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और बंगाल जैसे राज्यों में यह फूल बरसात के दिनों में खुद-ब-खुद निकल आता है। यदि आपने एक बार बल्ब लगा दिया, तो साल दर साल यह बिना विशेष देखभाल के खिलता रहेगा।

औषधीय गुण और कीटरोधी क्षमता

रेन लिली न केवल देखने में सुंदर है, बल्कि इसके कुछ औषधीय गुण भी पाए गए हैं। खास बात यह है कि इसमें किसी भी तरह के कीट या फंगस का हमला बहुत कम होता है। यह स्वाभाविक रूप से कीट प्रतिरोधी होता है, जिससे यह और भी कम देखभाल की मांग करता है।