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Fri, Dec 19, 2025

मूड स्विंग की समस्या से आप भी हैं परेशान, जानें इसके कारण!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
आमतौर लोग यह सोचते हैं कि बाइपोलर डिसऑर्डर ही मूड स्विंग है, लेकिन यह दोनों ही मेडिकल टर्म अलग-अलग है। मूड स्विंग से जूझ रहे लोगों का बिहेवियर कभी भी बदल जाता है। इस बात का उन्हें अंदाजा नहीं रहता कि वह सामने वाले से किस प्रकार बात कर रहे हैं। उनके व्यवहार से दूसरे व्यक्ति पर कितना और कैसा असर पड़ रहा है।
मूड स्विंग की समस्या से आप भी हैं परेशान, जानें इसके कारण!

आजकल जिंदगी इतनी फास्ट हो चुकी है। लोग उसमें इस कदर उलझ (मूड स्विंग) चुके हैं कि उन्हें जरा सा भी खुद के लिए वक्त नहीं रहता है। सुबह उठने के बाद ऑफिस जाना, ऑफिस के लोगों को टेकल करना, माहौल में शांतिपूर्वक काम करना, वहां से निकल कर घंटों ट्रैफिक में फंसे रहना। इसके बाद घर वापस आकर थक हार जाना, इसके बावजूद परिवार वालों को टाइम देना। एक तरीके से इंसान के दिमाग पर काफी गहरा असर कर रहा है। अधिकतर लोग किसी न किसी वजह से तनाव का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में नींद ना आने की समस्या, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग नॉर्मल बात है। यदि समय रहते इसका सही इलाज न किया जाए, तो यह आगे चलकर बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।

केवल तनाव, डिप्रेशन, टेंशन, स्ट्रेस ही मूड स्विंग की वजह नहीं होता, बल्कि अन्य बहुत सारे कारण हैं, जिससे लोगों के बिहेवियर में पल-ल बदलाव देखने को मिलता है।

क्या होता है मूड स्विंग?

चिकित्सकों की मानें तो मूड स्विंग का सीधा मतलब यह होता है कि इससे पीड़ित इंसान का व्यवहार कभी भी बदल सकता है। अच्छे खासे मूड में हंसता हुआ व्यक्ति अचानक कब दुखी हो जाए या चिड़चिड़ा जाए कोई नहीं जानता। इस बात का उसे खुद अंदाजा नहीं होता कि उसे किस बात पर गुस्सा आ रहा है, लेकिन उसका मूड अपने आप ही बदल जाता है। दरअसल दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर के घटना और बढ़ने के कारण अक्सर यह बदलाव देखने को मिलता है, जिसे मेडिकल टर्म में मूड स्विंग का नाम दिया गया है।

जानें कारण

इसके पीछे मुख्य कारण में भूख लगना, खेलने, पैदल चलना। कई बार सामने वाला आपकी जब बात नहीं समझता या नहीं मानता तब भी आपको गुस्सा आता है। आपको ऐसा लगता है कि आपके आसपास जो भी चीज रखी हुई हैं आप उठाकर उसे दे मारो। कई बार स्थिति में लोग खुद को शांत करने के लिए अकेले स्थान पर चले जाते हैं लेकिन यह काफी हद तक गलत है। इससे मूड स्विंग की बीमारी तेजी से बढ़ जाती है। धीरे-धीरे यह आपके जीवन में घर करने लगती है।

आमतौर पर छोटी-छोटी बातों पर मूड चेंज होना स्वाभाविक है, लेकिन जब यह हमारी डेली रूटीन का हिस्सा बनने लगता है तो इसका असर आपसी रिश्तों के साथ-साथ कॉरपोरेट वर्ल्ड पर भी देखने को मिलता है। कई बार मूड स्विंग के कारण लोग अपने अच्छे दोस्त, पार्टनर या फैमिली का कोई सदस्य खो देते हैं। कई बार लोग दिमागी रूप से परेशान होने के कारण नौकरी छोड़ देते हैं क्योंकि ऑफिस का प्रेशर उनसे झेल नहीं जाता। बार-बार उन्हें किसी चीज को लेकर यदि टारगेट किया जाता है तो यह बात उनसे सहन नहीं हो पाती और वह जॉब क्यूट कर देते हैं।

इन समयों पर हो सकता है मूड स्विंग्स

अब हम आपको बताते हैं कि मूड स्विंग्स आमतौर पर कब-कब हो सकता है। तो सबसे पहले बात करते हैं किशोरावस्था की। इस दौरान शरीर और मन में कई तरह की हार्मोनल चेंजेज होते हैं जिस कारण मूड बार-बार बदलता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी और फिर डिलीवरी के बाद महिलाओं को इस समस्या से गुजरना पड़ता है क्योंकि उस दौरान उन्हें थकान, नींद की कमी के साथ ही नई जिम्मेदारियां मिल जाती हैं। ऐसे में वह थोड़ी चिड़चिड़ी सी भी हो जाती हैं। वहीं मेनोपॉज के बाद भी मूड में बदलाव होता रहता है। इस समय पर एस्ट्रोजन का लेवल ऊपर नीचे होता रहता है। ऐसे में मूड स्विंग्स नॉर्मल सी चीज है।

मेंटल हेल्थ का पड़ता है प्रभाव

यदि कोई व्यक्ति अल्जाइमर, डिप्रेशन, बायपोलर डिसऑर्डर, एंजायटी, तनाव, ईटिंग डिसऑर्डर, इत्यागि जैसी दिमागी बीमारियों का शिकार है, उस समय भी मूड स्विंग होना आम बात है। इस प्रॉब्लम को हर कोई समझ सके यह जरूरी नहीं है। इसलिए समय रहते बेहतर डाइट और बेहतर लाइफस्टाइल को अपनाएं, जिससे आप फौरन इस तरह के स्वभाव से छुटकारा पा सकते हैं और एक शांतिपूर्ण जिंदगी को जी सकते हैं।

लक्षण

मूड स्विंग्स के लक्षणों की बात करें तो शरीर में लगातार एनर्जी की कमी रहती है। हर समय थकान महसूस होगा। जरूर से ज्यादा आप खाना खाएंगे, कई बार इस स्थिति में भूख भी नहीं लगती। नींद की भी कमी हो जाती है, समय से नींद नहीं आती और असमय झपकियां आती रहती हैं। कई दफा बेचैनी महसूस होती है, बेवजह उदास हो जाते हैं, चीज भूल जाते हैं, सेल्फ कॉन्फिडेंस की भी कमी हो जाती है। यदि आपके अंदर भी ऐसी कोई भी शिकायत आप नोटिस कर रहे हैं, तो फौरन आपको साइकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए, जिससे आप अपने तनाव को दूर कर सकें और एक बेहतर लाइफ जी सकें।