Wed, Dec 24, 2025

मोज़ेक मैप से मिली सफलता, खोजा गया बाइज़ेंटाइन काल का खोया शहर!

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के खोए हुए शहर का पता लगा लिया गया है। इस शहर को खोजने में 1500 साल पुराने मैप का इस्तेमाल किया गया। खासियत जानकर हर कोई हैरान है और इसकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पा रहा है।
मोज़ेक मैप से मिली सफलता, खोजा गया बाइज़ेंटाइन काल का खोया शहर!

पूरी दुनिया में एक से बढ़कर एक शहर हैं, जो अपने अलग-अलग खासियतों के लिए जाने जाते हैं। इनमें से कुछ शहर ऐसे भी हैं, जो समय के अनंत काल में कहीं खोकर रह गए हैं। ऐसे में आज हम आपको 1500 साल पुराने नक्शे के दम पर खोजा गया एक गायब हुआ शहर के बारे में बताएंगे, जिसकी खासियत जानकर हर कोई हैरान है और इसकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पा रहा है।

बाइज़ेंटाइन साम्राज्य के खोए हुए शहर का पता लगा लिया गया है। इस शहर को खोजने में 1500 साल पुराने मैप का इस्तेमाल किया गया।

नक्शे का उपयोग

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉर्डन के खोए हुए थरैस शहर की खोज पुराने मोज़ेक नक्शे की मदद से संभव हो पाई है, जिसे सम्राट जस्टिनियन ने बनवाया था। इस नक्शे में जॉर्डन के 157 धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को दिखाया गया है, जो आज भी मौजूद सबसे पुराने मानचित्रों में मौजूद है।

थरैस शहर

पुरातत्व विभाग ने शहर की पहचान कर ली है। हालांकि, अभी भी इनमें से अधिकांश स्थल ऐसे हैं जो गुमनाम हैं। इन्हें खोजने में लगभग 4 साल का समय लगा है। शोधकर्ताओं ने डेटशीट के दक्षिण-पूर्वी किनारों के पास स्थित आधुनिक शहर अल-इराक के आसपास क्षेत्रीय सर्वेक्षण किया। यहां मिट्टी के बर्तन, औजारों के अवशेष आदि मिले, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां कभी एक प्राचीन शहर हुआ करता था।

मिली इमारतें

यहां बाइज़ेंटाइन बेसिलिका की जैसी संरचनाएं मिलीं, जो लंबी और खुली, हवादार कक्षों वाली इमारतें थीं। इसके अलावा, स्पेन और फ्रांस के शोधकर्ताओं की मदद से यहां शमशान, फर्श, ग्लासवेयर, जैतून तेल प्रेस, वाटरमिल्स और अंगूर कुचलने के उपकरण, आदि मिले, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यहां ईसाई समुदाय निवास करता था।

खुदाई में मिलीं ये चीजें

मुताह विश्वविद्यालय के पुरातत्व और प्राचीन पूर्व अध्ययन के एसोसिएट प्रोफेसर मुसल्लम आर. अल-रावाहनेह ने बताया कि मोज़ेक नक्शे पर उल्लेखित चर्च की खोज से पता चला कि यह सिर्फ एक कृषि गांव नहीं, बल्कि एक पवित्र स्थल भी था। यहां गेट, खंडहर और टावर जैसी संरचनाएं भी खुदाई में मिलीं, जो नक्शे में दर्शाई गई संरचनाओं से मेल खाती हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)