दुनिया का सबसे महंगा लिक्विड, करोड़ों में कीमत, भयानक बीमारी को चुटकियों में कर सकता है ठीक!

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पानी या कोल्ड ड्रिंक्स नहीं बल्कि बिच्छू का जहर सबसे महंगा लिक्विड होता है। जिसकी कीमत हजारों में नहीं, बल्कि करोड़ों में होती है।

दुनिया में एक-से-बढ़कर-एक कीट, मकोड़े पाए जाते हैं। जिसमें बिच्छू भी शामिल है, जिसका नाम सुनते ही लोग एकदम भयभीत हो जाते हैं, क्योंकि इसका बंक कई बार लोगों की जान भी ले लेता है। आठ पैरों वाले इस प्राणी को जहरीले डंक के लिए जाना जाता है, जो छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े, छिपकली को अपना शिकार बनाते हैं। बिच्छू देखते ही लोग उससे दूर चले जाते हैं, जो कि समझदारी का काम है, क्योंकि इसका डंक जानलेवा हो सकता है।

हालांकि, आज के आर्टिकल में हम आपको उस बिच्छू के बारे में बताएंगे, जिसका जहर तरल सोना कहलाता है। यह दुनिया के सबसे महंगे पदार्थ में से एक है। इसे दुनिया का सबसे महंगा लिक्विड कहा जाता है।

बिच्छू का जहर

जी हां, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पानी या कोल्ड ड्रिंक्स नहीं बल्कि बिच्छू का जहर सबसे महंगा लिक्विड होता है। जिसकी कीमत हजारों में नहीं, बल्कि करोड़ों में होती है। इसके जहर का कारोबार करने वाला करोड़पति होता है, लेकिन हर कोई इसके जहर को नहीं निकाल सकता है। इसलिए बिच्छू के जहर का कारोबार सीमित है।

करोड़ों में है कीमत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी कीमत 39 मिलियन डॉलर प्रति गैलन हो सकती है, यानी लगभग 332 करोड रुपए। बता दें कि बिच्छू का जहर आपको रातों-रात करोड़पति बना सकता है। हालांकि, यह बहुत ही ज्यादा रिस्की वाला काम है। इसलिए हर कोई यह नहीं करना चाहता है। इस बिच्छू के जहर कोई इकट्ठा करना आसान काम नहीं है, लेकिन बहुत ही सावधानी से इसे विशेषज्ञ द्वारा निकाला जाता है और फिर शोध के लिए लैब में भेजा जाता है। खास देखरेख में जहर निकालने के कारण इसकी कीमत करोड़ों में है।

खतरनाक बिच्छू डेथस्टाकर

बता दें कि दुनिया के सबसे खतरनाक बिच्छू का नाम डेथस्टाकर (deathstalker) है। यह सबसे अधिक नॉर्थ अमेरिका और मिडिल ईस्ट में पाया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बिच्छू की 2000 प्रजातियां पूरे विश्व में पाई जाती है, लेकिन इनमें से 40% बिच्छू ही जहरीले होते हैं। इस जहर का इस्तेमाल दवा बनाने वाली कंपनियों द्वारा किया जाता है। मेडिकल रिसर्च के अनुसार, इस शहर से नई दावों का विकास हो सकता है, क्योंकि कई बीमारियों के इलाज में मददगार साबित हो सकती है। इसके लिए फार्मा कंपनी मोटी रकम चुकाने के लिए भी हमेशा तैयार रहती है। इससे मलेरिया, कैंसर आदि तक का इलाज किया जा सकता है।

ऐसे निकाला जाता है जहर

अंतरराष्ट्रीय मार्केट में स्कीम डिमांड बहुत अधिक है। बहुत कम लोग ही बिच्छू का जहर निकाल कर इसे बेचने का कारोबार करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बिच्छू एक बार में महज 2 मिलीग्राम ही जहर पैदा करता है। इसके अलावा, यह कार्य महीने में केवल बार ही किया जाता है। ऐसे में एक गैलन जहर निकालने के लिए एक बिच्छू से 264 लाख बार जहर निकाला जाता है। इसके लिए उन्हें बिजली के झटके दिए जाते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। )


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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