आजकल की लाइफस्टाइल में पार्टी करना एक आम बात हो चुका है। सभी स्तर के लोग अपने-अपने लेवल पर पार्टी किया करते हैं। बिजनेसमैन की हाई-फाई पार्टी होती है, तो वहीं छोटे से छोटे स्तर के लोग कम हाई-फाई पार्टी करते हैं। पार्टी अनेकों तरह की होती है। जिनमें बर्थडे, सालगिरह, शादी, सगाई, आदि शामिल है। जिसमें लोग अपने चहेते और चुनिंदा लोगों को इनवाइट करते हैं। आजकल की पार्टियों में लोग थीम रखते हैं या फिर कई बार वह एक जैसे कपड़े पहनते हैं। पार्टी में खाने पीने के अलावा डांस आदि भी होता है, जिससे लोगों का मन थोड़ा बदल जाता है, क्योंकि व्यस्त लाइफस्टाइल में से खुद के लिए समय निकालना बहुत ही मुश्किल है। ऐसे में छोटी-मोटी पार्टियों अक्सर लोगों के मूड को रिफ्रेश करने का भी काम करती है।
आज के आर्टिकल में हम आपको दुनिया की सबसे महंगी पार्टी के बारे में बताएंगे, जिसमें मेहमानों को लाने के लिए 100 विमान का इस्तेमाल किया गया था और यह अब तक की सबसे शाही पार्टी मानी जाती है।

दुनिया का सबसे बड़ा जश्न
बता दें कि मोहम्मद रजा शाह ने पर्शियन साम्राज्य के 2500 साल पूरे होने पर विशाल पार्टी आयोजित की थी। जिसमें 65 देश के मेहमान शामिल हुए थे। उस वक्त इस पार्टी में 100 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। पार्टी में 18 टन खाना, 180 वेटर और 25000 शराब की बोतल थी। यह पार्टी इतनी महंगी और शानदार थी कि यह दुनिया का सबसे बड़ा जश्न कहलाया। इसमे हर तरह के फूड आइटम उपलब्ध थे। लोग अपनी पसंद के अनुसार पार्टी इंजॉय किए थे।
तैयारी में लगे थे 1 साल
पार्टी की तैयारी के लिए पूरे 1 साल लगे थे, क्योंकि तेहरान में होटल कम थे। इसलिए रेगिस्तान में तंबू का एक अस्थाई शहर बसाया गया। सड़के बनाई गई, शाही तंबू बनाए गए। इसके अलावा, 50000 पक्षियों लाई गई, ताकि रेगिस्तान हरा भरा रहे। हालांकि, ऐसा हो नहीं सका था। गर्मी के कारण सके सामान लाने के लिए 40 ट्रक और 100 विमान का इस्तेमाल किया गया पार्टी के लिए फ्रांस से खाना मंगवाया गया। ऐसे में यह अब तक की सबसे महंगी पार्टी मानी जाती है। इसके बाद आजतक इस तरह का जश्न नहीं मनाया गया है।
1971 में हुई थी आयोजित
इस पार्टी का आयोजन साल 1971 में हुई थी। यह दुनिया की सबसे महंगी पार्टी मानी जाती है, जिसने ईरान की कहानी को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया। दरअसल, इस पार्टी के बाद आम जनता बेहद असुंतुष्ट हो गए थे। एक वक्त था जब महिलाएं वेस्टर्न कपड़े पहनती थी, लेकिन 1979 में इस्लामी क्रांति आने के बाद यहां इस्लामी गणराज्य की शुरुआत हो गई।