क्या आपने कभी गौर किया है कि जब आप सिनेमा हॉल में फिल्म देखने जाते हैं, तो एंट्री गेट पर हलचल, भीड़ और रौनक का नज़ारा देखने को मिलता है। लेकिन जैसे ही फिल्म खत्म होती है और आप बाहर निकलते हैं, एग्जिट गेट से बाहर आते वक्त वहां एकदम सन्नाटा और सुनसान माहौल होता है।
यह बात हर किसी के दिमाग में कभी न कभी ज़रूर आई होगी कि आखिर ऐसा क्यों होता है। क्यों सिनेमा हॉल का एंट्री गेट इतना आकर्षक और रौनक से भरा होता है, जबकि एग्जिट गेट पर न रोशनी दिखती है, न भीड़भाड़। दरअसल इसके पीछे दिलचस्प वजहें छुपी हैं, जो सुरक्षा से लेकर बिज़नेस स्ट्रैटेजी तक जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं विस्तार से
क्यों होता है सिनेमा हॉल का एग्जिट गेट सुनसान?
सुरक्षा का सबसे बड़ा कारण
सिनेमा हॉल की डिज़ाइनिंग करते समय सबसे पहले सुरक्षा को ध्यान में रखा जाता है। फिल्म के दौरान अगर अचानक कोई हादसा या इमरजेंसी जैसे आग लगना, झगड़ा या भूकंप हो जाए, तो लोग एक ही दरवाज़े पर फंस न जाएं। इसलिए एग्जिट गेट को हमेशा अलग और सुनसान रखा जाता है ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोग सीधे बाहर निकल सकें। यही वजह है कि वहां कम भीड़ और शांत माहौल रहता है।
बिज़नेस ट्रिक का भी है कमाल
आपने गौर किया होगा कि ज्यादातर सिनेमा हॉल में एंट्री गेट के पास पॉपकॉर्न, स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक काउंटर लगाए जाते हैं। ऐसा जानबूझकर किया जाता है ताकि लोग एंट्री करते समय खरीदारी करने पर मजबूर हो जाएं। वहीं, एग्जिट गेट सुनसान और सीधा बाहर जाने वाला बनाया जाता है ताकि फिल्म खत्म होने के बाद लोग बिना रुके बाहर निकल जाएं और भीड़ ज्यादा न बढ़े। यानी एग्जिट गेट को साइलेंट रखा जाता है ताकि सारा फोकस एंट्री गेट पर ही बना रहे।
साइकोलॉजी और एक्सपीरियंस का खेल
फिल्म का असली जादू तभी तक रहता है जब आप सिनेमा हॉल के अंदर बैठे होते हैं। बाहर निकलते ही वो जादुई माहौल खत्म हो जाता है। इसी कारण एग्जिट गेट को जानबूझकर साधारण और बिना किसी आकर्षण के रखा जाता है ताकि लोग सीधा बाहर निकल जाएं। दरअसल, यह सिनेमा हॉल मैनेजमेंट की स्ट्रैटेजी होती है कि आपकी यादों में फिल्म का अनुभव बस अंदर तक ही रहे, बाहर आते ही सब नॉर्मल लगे।





