MP Tourism: एक बार जरूर करें मध्य प्रदेश के इन 5 मंदिरों के दर्शन, अद्भुत है इनका इतिहास और चमत्कार

मध्य प्रदेश को अपनी बेहतरीन संस्कृति और परंपराओं के लिए पहचाना जाता है। इसके अलावा यह राज्य अपने धार्मिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है।

MP Tourism: मध्य प्रदेश भारत का एक बहुत ही खूबसूरत राज्य है। यह राज्य हमेशा से ही अपनी संस्कृति, परंपरा, पर्यटक स्थल और प्राकृतिक सुंदरता के लिए लोगों के बीच फेमस रहा है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में पर्यटन के लिए लिहाज से पहुंचते हैं।

मध्य प्रदेश कई सारे धार्मिक स्थलों की वजह से भी प्रसिद्ध है। अगर आप मध्य प्रदेश घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं और धार्मिक पर्यटन करना चाहते हैं। तो आज हम आपके यहां के कुछ अलग-अलग शहरों में मौजूद प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताते हैं। यह ऐसे मंदिर है जहां पर हर व्यक्ति एक बार जरूर जाना जाता है। चलिए इन मंदिरों के बारे में जानते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में विराजित है। यहां रोजाना सुबह 4 बजे भस्म आरती होती है, जिसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग पहुंचते हैं। अब यहां पर महाकाल लोक का निर्माण कर दिया गया है जिसके बाद भक्ति की संख्या काफी बढ़ चुकी है। इस मंदिर की तीसरे तल पर श्री नागचंद्रेश्वर महादेव का मंदिर है, जो साल में केवल एक बार शिवरात्रि के मौके पर खुलता है। यहां गर्भगृह में महाकाल, द्वितीय तल पर ओंकारेश्वर और तृतीय तल पर नागचंद्रेश्वर विराजित हैं।

ओंकारेश्वर मंदिर

खंडवा जिले में आने वाला ओंकारेश्वर अभी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर महादेव विराजित हैं। यह मंदिर नर्मदा नदी के किनारे मौजूद है जहां साल भर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। ऐसा कहां जाता है कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती दिन भर कहीं भी रहे लेकिन उनका रात्रि विश्राम यहीं पर होता है। मान्यता है कि वह यहां पर चौसर खेलते हैं। इस वजह से यहां पर भगवान के सामने चौसर सजाई जाती है। यह मंदिर ओम पर्वत पर बसा हुआ है।

मैहर

सतना जिले के मैहर में माता शारदा का प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है। यह बहुत ही खूबसूरत पर्यटक स्थल है। ऐसा कहा जाता है की माता सती आत्मदाह के बाद भगवान शिव जब यहां से गुजर रहे थे तो यहां पर माता का हार गिरा था। त्रिकूट की पहाड़ियों पर बसे हुए इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है।

पीतांबरा मंदिर

मध्य प्रदेश की दतिया में पीतांबरा मंदिर मौजूद है, जो देश भर में प्रसिद्ध है। यहां पर माता बगलामुखी विराजित हैं, जिन्हें राजसत्ता की देवी के नाम से पहचाना जाता है। देशभर के राजनेता यहां पर राजनीति में सफलता प्राप्त करने के लिए दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक बार यहां पर माता टेकने के बाद व्यक्ति की सारी परेशानी दूर हो जाती है।

रामराजा मंदिर

ओरछा में रामराजा मंदिर मौजूद है जो काफी प्रसिद्ध है। यह एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां पर श्री राम को भगवान नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है। यहां पर उन्हें शस्त्र सलामी भी दी जाती है। ओरछा के राजा केवल राम है इसलिए यहां बड़े से बड़ा राजनेता भी अपने पद को भूल सरल तरीके से दर्शन करने आता है। यहां पर आपको बुंदेलखंड की संस्कृति को देखने का मौका मिलेगा।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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