मसूरी उत्तराखंड में स्थित एक शांत और खूबसूरत हिल स्टेशन है, जिसे पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। 202 साल पहले अंग्रेजों ने जब गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों की तरफ रुख किया, तो मसूरी उनकी पहली पसंद बना।
कैप्टन यंग ने यहां एक झोपड़ी बनवाई और यहीं से मसूरी की बसावट की शुरुआत हुई। यह जगह ऊंचाई पर होने के कारण गर्मी में भी ठंडी रहती है, इसीलिए अंग्रेजों ने इसे अपनी गर्मी की राजधानी बना लिया था। धीरे-धीरे यहां बाजार, चर्च, स्कूल और सड़कों का विकास हुआ और यह जगह एक मशहूर हिल स्टेशन बन गई। मसूरी ना केवल अपनी खूबसूरत वादियों के लिए जाना जाता है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी उतना ही खास है।
मसूरी का नाम ‘मंसूर’ नाम की एक झाड़ी पर पड़ा
मसूरी का नाम ‘मंसूर’ नाम की एक झाड़ी पर पड़ा, जो इस क्षेत्र में बहुतायत में पाई जाती थी। शुरू में यह इलाका शांत और वीरान था, लेकिन अंग्रेज अफसरों को यह बहुत पसंद आया और उन्होंने यहां कई इमारतें बनवाईं। मसूरी न सिर्फ अंग्रेजों का समर रिजॉर्ट बना, बल्कि यहां भारतीयों की एंट्री पर भी पाबंदी लगाई गई थी। मॉल रोड पर उस समय ‘Indians and Dogs Not Allowed’ जैसे बोर्ड लगे होते थे। यह दौर भारत में आजादी की लड़ाई के पहले का था। कहा जाता है कि इस भेदभाव का विरोध सबसे पहले मोतीलाल नेहरू ने किया था।
पुरानी विरासत आज भी महसूस की जा सकती है
मसूरी का इतिहास सिर्फ पर्यटन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आजादी के संघर्ष की भी झलक मिलती है।
आज मसूरी एक आधुनिक हिल स्टेशन बन चुका है, लेकिन इसकी पुरानी विरासत आज भी महसूस की जा सकती है। यहां चारों ओर फैले देवदार और चीड़ के जंगल, शांत झीलें, झरने और पहाड़ों की ऊंचाइयों से दिखते नज़ारे किसी का भी मन मोह लेते हैं। मसूरी की गलियों में घूमते हुए आप इतिहास और प्रकृति दोनों को एक साथ महसूस कर सकते हैं। शहर की रफ्तार से दूर, यहां का सुकून भरा वातावरण हर किसी को सुकून देता है।
कैसे पहुंचा जा सकता है?
मसूरी पहुंचना बेहद आसान है। देहरादून इसका सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट है, जो देश के तमाम बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। देहरादून से मसूरी की दूरी महज 35 किलोमीटर है और आप टैक्सी या बस से वहां तक आराम से पहुंच सकते हैं। मसूरी घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून के बीच होता है, जब मौसम बेहद सुहावना रहता है। सितंबर से नवंबर के बीच भी यहां का मौसम अच्छा होता है और भीड़भाड़ भी कम होती है।





