सपनों का रहस्यमयी संसार : जानिए सपने में परिवार के सदस्यों को देखने के संकेत, क्या बदल सकते हैं रिश्तों के समीकरण!

Secret of Dreams

Mysterious world of dreams : सपने हमारे जीवन का वो अभिन्न हिस्सा हैं, जो वास्तविकता में ‘सत्य’ नहीं होता है। लेकिन अगर हम ये मानकर चलें कि जीवन का लगभग एक तिहाई हम सोने में गुजा देते हैं, तो इस निद्रावस्था में हम ज्यादातर सपनों के संसार में ही विचरण करते हैं। इस तरह जीवन के एक तिहाई हिस्से का अधिकांश भाग हम सपने देखते हुए बिताते हैं। ये कितनी अद्भुत बात है कि हम अपने जीवन का एक लंबा अरसा ऐसे दृश्यों घटनाओं के साथ होते हैं, जिसका असल में कोई अस्तित्व ही नहीं है।

सपनों की रहस्यमयी दुनिया

इसीलिए कहते हैं कि सपनों की दुनिया एक रहस्य है। और इस रहस्य को बूझने के लिए धर्म व विज्ञान..दोनों ही अपने अपने तरीके से काम कर रहे हैं। कई धार्मिक मान्यताएं ये कहती हैं कि सपने भविष्यवाणी करते हैं, वहीं विज्ञान और मनोविज्ञान की अपनी अवधारणाएं हैं। हालांकि भविष्यवाणी वाली बात को विज्ञान समर्थन नहीं देता है, लेकिन अलग अलग संस्कृतियों में वहां की धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के आधार पर सपनों की व्याख्या की गई है। हमारे यहां ज्योतिष शास्त्र अंतर्गत स्वप्नशास्त्र में सपनों के बारे में कई अर्थ और संकेत बताए गए हैं। आज हम जानेंगे सपने में अपने परिवार के सदस्यों को देखने का क्या अर्थ बताया गया है।

सपने में परिजनों को देखने के संकेत

हमारे परिजन हमारे प्रियजन होते हैं। वो जिनके साथ हमारा जीवन गुजरता है या फिर जिनके साथ हमारे बहुत आत्मीय संबंध होते हैं। ऐसे में ये स्वाभाविक है कि हमारे मन और दिमाग में उनका खयाल हमेशा होता है। इसीलिए सपनों में अपनों को देखना सामान्य माना जा सकता है। लेकिन स्वप्नास्त्र के अनुसार अगर आप सपने में परिवार के किसी सदस्य को देखते हैं तो भविष्य में परिवार को किसी तरह की कठिनाई का सामने करना पड़ सकता है। वहीं अगर ये दिखाई दे कि आपके और अन्य सदस्यों के बीच किसी तरह की आक्रामकता है तो आने वाले समय में किसी काम के लिए आपको अधिक संघर्ष करना पड़ सकता है। वहीं आप ये देखें कि किसी परिजन को लेकर आप असमंजस में हैं तो आने वाले समय में किसी तरह के मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। आप अपने भाई बहनों के साथ किसी तरह की प्रतिद्वंदिता देखें तो इसका अर्थ है कि आप किसी बात को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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