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Wed, Dec 17, 2025

कालसर्प दोष से राहत पाने के लिए नाग पंचमी को माना जाता है खास, ये चीजें चढ़ाने से खुल सकते हैं भाग्य के दरवाज़े

Written by:Bhawna Choubey
Published:
नाग पंचमी 2025 के मौके पर कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के उपाय खोज रहे हैं? तो ये खबर आपके लिए है। ज्योतिष अनुसार, नाग पंचमी के दिन कुछ खास चीजें शिवलिंग पर चढ़ाकर आप अपने जीवन में शांति, सुख और समृद्धि ला सकते हैं।
कालसर्प दोष से राहत पाने के लिए नाग पंचमी को माना जाता है खास, ये चीजें चढ़ाने से खुल सकते हैं भाग्य के दरवाज़े

हर साल श्रावण मास में आने वाली नाग पंचमी का दिन धार्मिक मान्यताओं में बेहद खास होता है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व होता है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह दिन बेहद शुभ माना जाता है।

ऐसे लोग जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें जीवन में बार-बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शादी में देरी, करियर में रुकावट, धन हानि या बार-बार बीमारियों जैसी समस्याएं बनी रहती हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर कुछ खास चीजें चढ़ाने से इस दोष के असर को कम किया जा सकता है।

शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें

कच्चा दूध और जल का अभिषेक करें

नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करके शिव मंदिर जाएं और सबसे पहले शिवलिंग का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और मन शांत रहता है।

नाग-नागिन की चांदी की जोड़ी चढ़ाएं

कहा जाता है कि चांदी से बनी नाग-नागिन की जोड़ी शिवलिंग पर चढ़ाने से कालसर्प दोष शांत होता है। यह उपाय करने के बाद उस जोड़ी को मंदिर में ही छोड़ दें और घर वापस लाने की गलती न करें।

बेलपत्र, भांग और धतूरा जरूर चढ़ाएं

शिव जी को बेलपत्र, भांग और धतूरा प्रिय हैं। इन पवित्र वस्तुओं को चढ़ाकर आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। ऐसा करने से राहु-केतु के दोष भी शांत होते हैं।

क्यों है नाग पंचमी कालसर्प दोष के लिए खास?

नाग पंचमी को राहु और केतु, जो कि कालसर्प योग के मूल ग्रह माने जाते हैं, उन्हें प्रसन्न करने का उत्तम समय माना गया है। इस दिन शिव जी की आराधना और नाग देवता की पूजा एक साथ करने से कुंडली में चल रहे दोष धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।

इसके साथ ही, शिवलिंग पर काले तिल, दूध, सफेद फूल और चंदन चढ़ाने से भी राहु-केतु की दशा बेहतर होती है। ध्यान रहे कि पूजा के दौरान मन में श्रद्धा हो और जितना हो सके व्रत रखें।