रत्न शास्त्र एक ऐसी विद्या है जिसमें कई अलग-अलग रत्नों का उल्लेख दिया गया है। यह रत्न सीधा ग्रहों से संबंध रखते हैं जो व्यक्ति के जीवन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर हमें इन ग्रहों की स्थिति को सुधारना है तो हम ज्योतिष के बताए गए रत्नों को धारण कर सकते हैं।
रत्न शास्त्र में 9 रत्नों और 84 उपरत्नों का उल्लेख दिया गया है। यह सभी अलग-अलग रत्न पर अलग-अलग तरह का प्रभाव डालते हैं। आज हम आपको बहुत ही चमत्कारी रत्न नीलम के बारे में बताते हैं जिसका संबंध शनि ग्रह से है। इस रत्न से व्यक्ति को चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते हैं। चलिए आज हम आपको इससे जुड़ी जानकारी देते हैं।

शनि का रत्न है नीलम (Neelam)
नीलम एक ऐसा रत्न है जिसका संबंध शनि ग्रह से बताया गया है। नीले रंग के इस रत्न को पहनकर आप अपने शनि ग्रह को मजबूत कर सकते हैं। हालांकि, ये हर किसी को सूट नहीं करता और इसे पहनने से पहले कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। चलिए इसे धारण करने का तरीका और कुछ जरूरी बातें जान लेते हैं।
कैसे करें धारण
जो नीलम हम धारण कर रहे हैं वह कम से कम 7 से सवा 8 रत्ती का होना चाहिए। धारण करने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें। अब इसे शनिदेव को अर्पित करें और विधिवत पूजन अर्चन करें। इसके बाद आप इसे मध्यमा उंगली में धारण कर सकते हैं। यह पंच धातु में जड़वाकर पहनना सही रहता है।
कब करें धारण
नीलम शनि का रत्न है इसलिए इसे शनिवार के दिन धारण करना बहुत शुभ माना गया है। धारण करने से पहले इसकी शुद्ध जरूर करें।
कौन कर सकता है धारण
नीलम शनि का रत्न है इसलिए इसे कुंभ राशि के लोग धारण कर सकते हैं। मकर राशि के लोगों के लिए भी यह बहुत शुभ माना गया है। इसके प्रभाव से कुंडली में मौजूद शनि ग्रह की स्थिति को मजबूत बनाया जा सकता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति कमजोर है वह इसे धारण कर सकते हैं।
ना पहनें ये रत्न
नीलम धारण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। किसके साथ मूंगा, माणिक्य और मोती कभी नहीं पहना जाता। इसके अलावा कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति को जरूर देख लें उसके बाद ही इसे धारण करें।