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Thu, Dec 18, 2025

न गर्मी का असर, न जल की कमी! ये है झारखंड का अद्भुत जल स्रोत

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
झुलसती गर्मी में लोग ठंडक वाली जगह की तलाश में रहते हैं। इस मौसम में ठंडा पानी का सेवन भी अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में आज हम आपको उस स्थान के बारे में बताएंगे, जहां फ्रिज जैसा ठंडा पानी मिलता है।
न गर्मी का असर, न जल की कमी! ये है झारखंड का अद्भुत जल स्रोत

भारत में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान है। हरे भरे जंगल, पहाड़, नदी, जल और झरने लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। गर्मी के मौसम में लोग इन स्थानों पर अपना क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए अपनी फैमिली फ्रेंड्स और पार्टनर के साथ आते हैं। इससे देश के अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिलती है। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है।

झुलसती गर्मी में लोग ठंडक वाली जगह की तलाश में रहते हैं। इस मौसम में ठंडा पानी का सेवन भी अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में आज हम आपको उस स्थान के बारे में बताएंगे, जहां फ्रिज जैसा ठंडा पानी मिलता है। वह भी प्राकृतिक तरीके से…

झारखंड में है स्थित

जी हां! झुलसती गर्मी में भी झारखंड के गुमला जिले के पालकोट प्रखंड में स्थित निर्झर जल स्रोत में फ्रिज जैसा ठंडा पानी मिलता है। केवल गर्मियों में ही नहीं, बल्कि हर मौसम में यहां ठंडा पानी ही बहता है। पानी का स्रोत आज तक रहस्य ही बना हुआ है। वैज्ञानिक भी हैरान है, जहां लोग दूर-दराज से उनके दर्शन के लिए आते हैं। निर्झर की खास बात यह है कि यहां हर मौसम में पानी बिल्कुल ठंडा रहता है। उससे भी बड़ी खास बात यह है कि यहां का पानी कभी भी घटना नहीं है। इसका स्रोत कहां है, इसके बारे में आज तक कोई पता नहीं लगा पाया। पानी के बीच में ही शिवलिंग भी मौजूद है, जो कि श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।

स्थानीय लोग पीते इसी कुंड का पानी

यहां के स्थानीय लोग इसी कुंड का पानी पीते हैं। वैज्ञानिक भी आज तक इस रहस्य को नहीं सुलझा पाए हैं कि यहां जितनी ज्यादा गर्मी पड़ती है। उतना ही पानी अधिक ठंडा हो जाता है। पानी का स्वाद भी मीठा है। अक्सर लोग यहां का ठंडा पानी पीने और अपनी छुट्टियों को सुकून से बिताने के लिए आते हैं। साथ ही भगवान शिव के दर्शन भी करते हैं। यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि भगवान शिव जी की कृपा से पानी आ रही है, जो कि स्वाद में टेस्टी और मीठा होता है। यहां के लोग मानते हैं कि पहाड़ों के ऊपर से सुरंग के रास्ते यहां पानी आ रही है, लेकिन इसका पता अब तक कोई भी नहीं लग पाया है।