Obsessive love disorder : प्यार का जुनून कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, खतरनाक हो सकता है ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर

Obsessive Love Disorder

Obsessive love disorder : प्यार..ये दुनिया का सबसे खूबसूरत अहसास है। हर कोई प्यार करना और पाना चाहता है। प्यार के कई रूप हैं। दुनिया में हर शख्स का इसे लेकर अलग अनुभव होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि प्यार का एक रूप ऐसा भी है जो भयावह होता है। शायद ये बात सुनने में अटपटी लगे लेकिन प्यार का ये रूप वास्तव में डरावना होता है। हम बात कर रहे हैं ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर की।

ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर के लक्षण

जब प्यार और केयर जुनून में तब्दील हो जाए तो उसे ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर (OLD) कहते हैं। ये एक मानसिक बीमारी है और इससे ग्रसित व्यक्ति सामने वाले का जीना मुश्किल कर देता है। वो भले ही प्रेम में होने का दावा करे..लेकिन असल में ऐसा व्यक्ति ऑब्सेशन में होता है। अलग अलग लोगों में इसके अलहदा लक्षण होते हैं। लेकिन ऐसे शख्स के दिमाग में हर समय अपने प्रेमी या प्रेमिका का खयाल होता है और वो बस उसी के बारे में सोचता रहता है।

ये बात सिर्फ रोगी तक ही सीमित नहीं होती..वो अपने पार्टनर या फिर जिसके प्रति आसक्त है उसे भी प्रताड़ित करने लगता है। वो सामने वाले को दिनभर मैसेज भेज सकता है, उसके पल पल की जानकारी लेने की कोशिश करता है, उसकी कई बातों पर अंकुश लगाता है, बेवजह पूछताछ करता है, असाधारण अधिकार जमाता है, नियंत्रण करता है, किसी भी तरह से ब्लैकमेल करने की कोशिश, पीछा करना, सोशल मीडिया पर स्टॉक करना, जबरदस्ती राजी करने की कोशिश करना या फिर सामने वाला का कुछ भी निजी नहीं रहने देता है। इस तरह के कई लक्षण अलग अलग रोगियों में पाए जाते हैं।

 

मानसिक रोग का इलाज जरुरी

ऐसे रोगी कई बार खतरनाक भी साबित हो सकते हैं क्योंकि ये किसी भी तरह का रिजेक्शन स्वीकार नहीं कर पाते। अमरीकी हेल्थ वेबसाइट ‘हेल्थलाइन’ के मुताबिक ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर एक तरह की साइकोलॉजिकल कंडीशन है। इससे ग्रसित व्यक्ति किसी दूसरे पर असामान्य रूप से मुग्ध हो सकता है जिसे वो प्यार का नाम देता है। लेकिन इस स्थिति में वो अपने साथ सामने वाले को भी परेशान कर डालता है। उसे लगता है कि सामने वाले पर सिर्फ उसी का अधिकार है और वो उसे कंट्रोल करना चाहता है।  इसीलिए इस स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श आवश्यक है। हालांकि OLD के लिए कोई अलग चिकित्सा या मनोवैज्ञानिक वर्गीकरण मौजूद नहीं है और इसे अक्सर अन्य प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य बीमारियों के साथ ही रखा जाता है। लेकिन अगर आपको लगता है कि आपको या आपके किसी परिचित या प्रियजन को यह विकार हो सकता है तो इसे लेकर डॉक्टर से बात करना बेहद जरुरी है। इसका उपचार रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है और साथ ही रिश्तों में जटिलताओं को भी रोक सकता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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