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Fri, Dec 19, 2025

Teachers Day 2023: जीवन के अंधियारे का उजला दीपक है गुरु, जानें शिक्षक दिवस का इतिहास और महत्व

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
Teachers Day 2023: जीवन के अंधियारे का उजला दीपक है गुरु, जानें शिक्षक दिवस का इतिहास और महत्व

Teachers Day 2023: शिक्षक हर व्यक्ति के जीवन का वह दीपक होता है, जो उसे अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के उजियारे तक ले जाने का काम करता है। हर साल 5 सितंबर भारत में भारत रत्न से सम्मानित देश के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

हमारे यहां शिक्षक को भगवान का दर्जा दिया जाता है। दिया भी क्यों न जाए आखिरकार वो समाज राष्ट्र निर्माण में इतना महत्वपूर्ण किरदार जो निभा रहे हैं। अपनी लगन और समर्पण से कई शिक्षकों ने छात्रों के भविष्य को नया आकार और दिशा दी है। चलिए आज आपको इस दिन के इतिहास और महत्व से रूबरू करवाते हैं।

शिक्षक दिवस का इतिहास

1962 में पहली बार शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया था। इस समय डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था। उनकी इस उपलब्धि से गदगद हुए उनके छात्र उनके जन्मदिन यानी 5 सितंबर को किसी खास दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध लेकर उनके पास पहुंचे। यह देखकर उन्होंने न सिर्फ खुद के लिए बल्कि देश के सभी टीचरों के सम्मान में शिक्षक दिवस बनाने की बात कही। इसी के बाद से हर साल इसी दिन टीचर्स डे का आयोजन किया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस विशेष तौर पर शिक्षकों के प्रति प्रेम और सम्मान दर्शाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन पर स्कूल, कॉलेज और महाविद्यालय में समेत तमाम शिक्षण संस्थानों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हर व्यक्ति अपनी भावना को अपने तरीके से पेश करता दिखाई देता है। जो लोग अपना स्कूल कॉलेज पूरा कर आज ऊंचे मुकामों पर पहुंच चुके हैं, वह भी इस दिन पर अपने शिक्षकों को याद करना नहीं भूलते हैं। शिक्षक के प्रति आभार जताने और उनसे मिली जीवन की सीख के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए यह सबसे उत्तम दिन है।