दुनिया का एकमात्र देश, जहां एक छोर पर होता है दिन, तो दूसरे छोर पर होती है रात!

धरती के इस एकमात्र देश को कंट्री का मिडनाइट सन के नाम से भी जाना जाता है। अच्छे से अच्छे धुरंधर भी इस सवाल का जवाब नहीं जानते होंगे। आइए जानते हैं इस देश का नाम।

इस दुनिया में एक से बढ़कर एक चीज देखने को मिलती है। कुछ ऐसी प्राकृतिक चीज हैं, जिन्हें देखकर सभी को आश्चर्य होता है। इन पर भरोसा कर पाना बेहद मुश्किल है, लेकिन प्रकृति को छूट लाया नहीं जा सकता है। जैसे दिन है तो रात भी अवश्य होगी। ऐसे में आज हम आपको दुनिया का एकमात्र ऐसा देश के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके एक कोने में सूरज ढलता है, तो दूसरे कोने में उगता है, जहां कुछ लोग सुबह नाश्ता कर रहे होते हैं, तो कुछ लोग डिनर कर रहे होते हैं।

धरती के इस एकमात्र देश को कंट्री का मिडनाइट सन के नाम से भी जाना जाता है। अच्छे से अच्छे धुरंधर भी इस सवाल का जवाब नहीं जानते होंगे। आइए जानते हैं इस देश का नाम।

इकलौता देश

दरअसल, हम जिस इकलौता देश की बात कर रहे हैं, उसका नाम रूस है, जो इतना बड़ा है कि यहां अलग-अलग टाइम जोन है। इसी कारण यहां एक हिस्से में सुबह होती है, तो दूसरे हिस्से में शाम होती है। यानी एक तरफ लोग नाश्ता कर रहे होते हैं, तो दूसरी तरफ लोग डिनर कर रहे होते हैं। वहीं, गर्मियों के मौसम में कुछ इससे ऐसे हैं, जहां सूरज डूबता ही नहीं है। इसलिए रूस को मध्य रात्रि के सूरज का देश भी कहा जाता है। इस देश का आकार इतना बड़ा है कि यह पृथ्वी के 1/8 हिस्से में फैला हुआ है। यहां की संस्कृति, इतिहास और प्रकृति बेहद खास है।

पर्यटन से मिलता है मजबूती

रूस में एक से बढ़कर एक देखने वाले घूमने फिरने वाले देश हैं, जो दुनिया के सभी देशों से अलग सालों भर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। यहां महिला और पुरुष बराबर के हिस्से में समाज में अपनी भूमिका अदा करते हैं। अक्सर लोग मिलकर सरकार को चलाने में उनकी सहायता करते हैं। यहां पर्यटन से सरकार को काफी अधिक फायदा होता है।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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