Fri, Dec 26, 2025

ओवर सेंसेटिव लोग होते हैं बेहद खास! जानिए ये 7 आदतें जो बचपन से उनके अंदर होती हैं

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Over Sensitive People: अगर आपके आस-पास कोई ऐसा इंसान है जो छोटी-छोटी बातों पर भावुक हो जाता है, तो ज़रूरी नहीं कि वो ज़्यादा ड्रामा करता हो। दरअसल, ये कुछ खास आदतें होती हैं जो ओवरसेंसेटिव लोगों के अंदर जन्म से ही होती हैं। आइए जानें कौन-सी हैं वो पहचान की बातें।
ओवर सेंसेटिव लोग होते हैं बेहद खास! जानिए ये 7 आदतें जो बचपन से उनके अंदर होती हैं

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों की तकलीफ देखकर खुद रोने लगते हैं या फिर किसी की बात दिल पर ले लेते हैं, ऐसे लोग ‘ओवर सेंसेटिव’ (Over Sensitive People) कहे जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये संवेदनशीलता अक्सर जन्मजात होती है? कई बार लोग इन्हें गलत समझ लेते हैं, जबकि इनकी खासियतें समाज में बहुत मायने रखती हैं।

ओवर सेंसेटिव लोगों के ब्रेन की वायरिंग आम लोगों से थोड़ी अलग होती है। साइकोलॉजिस्ट्स के मुताबिक, ऐसे लोग दूसरों की भावनाओं को ज्यादा गहराई से महसूस करते हैं। जहां कोई बात एक इंसान के लिए सामान्य होती है, वहीं वही बात ओवर सेंसेटिव व्यक्ति के दिल में गहरी छाप छोड़ सकती है। ये लोग दूसरों के मूड को भी तुरंत पकड़ लेते हैं, जिससे उन्हें ज्यादा इमोशनल टोल झेलना पड़ता है।

ओवर सेंसेटिव लोगों की 7 जन्मजात आदतें

1. हर बात को जल्दी दिल पर ले लेना

ओवर सेंसेटिव लोग किसी की कही हुई छोटी-सी बात या आलोचना को भी दिल से लगा लेते हैं। उन्हें नेगेटिव कमेंट्स अंदर तक झकझोर देते हैं। ये बातें देर तक उनके दिमाग में घूमती रहती हैं और उन्हें बेचैन कर देती हैं, भले ही सामने वाला मज़ाक कर रहा हो।

2. दूसरों के दर्द को खुद महसूस करना

ऐसे लोग न सिर्फ सामने वाले की तकलीफ सुनते हैं, बल्कि वो दर्द खुद भी महसूस करते हैं। चाहे वो किसी अजनबी की दुःखभरी कहानी हो या अपने किसी करीबी की परेशानी, वे उसमें खुद को शामिल कर लेते हैं और भावनात्मक रूप से प्रभावित हो जाते हैं।

3. शांत माहौल की तलाश

ओवर सेंसेटिव लोगों को भीड़-भाड़, तेज़ आवाज़ें और तनावभरा माहौल परेशान करता है। उन्हें सुकून पसंद होता है और वे ऐसे माहौल में खुद को ज्यादा सहज महसूस करते हैं जहाँ शांति हो। यही वजह है कि वे अक्सर अकेले रहना पसंद करते हैं, ताकि अपने मन को शांति दे सकें।

4. हर चीज़ में परफेक्शन की चाह

ये लोग किसी भी काम को आधे-अधूरे मन से नहीं कर सकते। उन्हें हर चीज़ में परफेक्शन चाहिए – फिर चाहे वो ऑफिस का प्रोजेक्ट हो या रिश्तों को निभाने की बात। ये आदत उन्हें कई बार थका देती है, लेकिन वे तब तक चैन से नहीं बैठते जब तक सब सही न हो जाए।

5. बार-बार खुद को दोष देना

अगर कोई परेशानी या गलती हो जाए, तो ओवर सेंसेटिव लोग सबसे पहले खुद को ही दोष देने लगते हैं। चाहे वो समस्या उनकी वजह से न भी हो, तब भी वे अपने अंदर गलती ढूंढने लगते हैं। इससे उन्हें आत्मग्लानि होती है और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।

6. अकेलेपन की ओर झुकाव

जब ऐसे लोग ज़्यादा भावनात्मक हो जाते हैं या मानसिक थकान महसूस करते हैं, तो वे खुद को दुनिया से काट लेते हैं। उन्हें अकेलापन अच्छा लगने लगता है क्योंकि वहाँ उन्हें कोई जज नहीं करता। ये समय उनके लिए खुद को समझने और हील करने का जरिया बनता है।

7. क्रिएटिव माइंड

ओवर सेंसेटिव लोग अक्सर बहुत क्रिएटिव होते हैं। उनकी संवेदनशीलता उन्हें आर्ट, म्यूज़िक, राइटिंग या पेंटिंग जैसी चीज़ों से गहराई से जोड़ देती है। वे अपनी भावनाओं को रचनात्मक तरीकों से व्यक्त करते हैं और इसी में उन्हें शांति और संतोष मिलता है।

क्या ओवर सेंसेटिव होना कमजोरी है या ताकत?

समाज में अक्सर ओवर सेंसेटिव लोगों को कमजोर माना जाता है, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है। ये लोग बहुत अच्छे दोस्त, साथी और काउंसलर बन सकते हैं क्योंकि उनके अंदर दूसरों के जज़्बात समझने की जबरदस्त काबिलियत होती है। इनका इमोशनल इंटेलिजेंस बहुत तेज़ होता है, जो आज के कॉर्पोरेट और पर्सनल रिलेशनशिप दोनों में बेहद काम आता है।

सेंसेटिव लोग छोटी-छोटी बातों से खुद को भी हर्ट कर बैठते हैं, लेकिन यही चीज उन्हें ज्यादा समझदार, सोचने वाला और दयालु बनाती है। अगर आप या आपके आस-पास कोई ऐसा है, तो उसे अपनाएं, समझें क्योंकि उसकी भावनाएं कमजोर नहीं, बल्कि उसकी सबसे बड़ी ताकत होती हैं।