हस्तरेखा विज्ञान यानी पामिस्ट्री (Palmistry) में हमारी हथेली पर मौजूद हर रेखा और पर्वत कुछ न कुछ खास संकेत देते हैं। इन्हीं में से एक है गुरु पर्वत, जो तर्जनी उंगली के ठीक नीचे होता है। इसे गुरु ग्रह यानी बृहस्पति से जोड़कर देखा जाता है। यह पर्वत किसी व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, नेतृत्व क्षमता, सोचने-समझने की शक्ति और सामाजिक प्रतिष्ठा का संकेतक होता है।
अगर किसी की हथेली में गुरु पर्वत अच्छी तरह उभरा हो और उस पर साफ रेखाएं हों, तो यह दर्शाता है कि वह व्यक्ति जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। ऐसा व्यक्ति न केवल करियर में सफलता पाता है बल्कि समाज में भी उसका आदर होता है। वहीं, अगर यह पर्वत दबा हुआ या अस्पष्ट हो, तो व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है। आइए विस्तार से जानते हैं गुरु पर्वत के महत्व और इसके संकेतों के बारे में।

गुरु पर्वत क्या है और यह कहाँ स्थित होता है ?
गुरु पर्वत हथेली में तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) के नीचे स्थित होता है। यह पर्वत व्यक्ति की महत्वाकांक्षा, आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक प्रतिष्ठा को दर्शाता है। अगर यह पर्वत उभरा हुआ और स्पष्ट रूप से नजर आता है, तो ऐसा व्यक्ति जीवन में उच्च पद, सम्मान और सफलता प्राप्त करता है। वहीं, अगर यह पर्वत शनि पर्वत की ओर झुका हुआ हो, तो यह जीवन में चुनौतियों, गंभीरता और आत्ममंथन की ओर इशारा करता है।
गुरु पर्वत के विभिन्न चिह्न और उनके अर्थ
स्टार (सितारा): अगर गुरु पर्वत पर स्पष्ट रूप से सितारे का निशान हो, तो यह संकेत देता है कि व्यक्ति को जीवन में अचानक से बड़ी सफलता मिल सकती है। ऐसे लोग अपने करियर में ऊंचाइयों को छूते हैं।
क्रॉस (क्रॉस का निशान): यह निशान दर्शाता है कि व्यक्ति को जीवन में संघर्ष करना पड़ सकता है, लेकिन अगर यह निशान बड़ा और स्पष्ट हो, तो यह अत्यंत महत्त्वाकांक्षी और डॉमिनेटिंग स्वभाव को दर्शाता है।
स्क्वायर (वर्ग): यह निशान सामाजिक मुद्दों में व्यक्ति की रक्षा करता है और ऐसे लोग अध्यापन या सामाजिक कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं।
सिंगल खड़ी रेखा: यह संकेत देता है कि व्यक्ति को जीवन में अप्रत्याशित सफलता मिल सकती है, बशर्ते इस रेखा को कोई और रेखा न काटे।
दो खड़ी रेखाएं: यह दर्शाता है कि व्यक्ति अत्यंत महत्त्वाकांक्षी है और सफलता प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
करियर में गुरु पर्वत का प्रभाव
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, गुरु पर्वत का उभरा और स्पष्ट होना करियर में सफलता का संकेत है। ऐसे लोग नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण होते हैं और समाज में उनका एक विशेष स्थान होता है। वे दयालु, चिंतनशील और दूसरों की मदद करने वाले होते हैं। अगर गुरु पर्वत बहुत अधिक उभरा हुआ हो, तो यह व्यक्ति के भीतर अहंकार, प्रभुत्व की भावना और स्वार्थ को जन्म देता है।
इसके अलावा, अगर गुरु पर्वत का झुकाव शनि पर्वत की ओर हो, तो यह मिश्रित संकेत देता है। ऐसे व्यक्ति अक्सर अपने विचारों में डूबे रहते हैं और गहराई से सोचने वाले होते हैं। हालांकि ये मेहनती होते हैं, पर अक्सर जीवन में उन्हें मनचाही सफलता नहीं मिलती जिससे उनके स्वभाव में निराशा, गंभीरता और जिद आ जाती है।