पढ़ाई में फोकस नहीं कर पाता है बच्चा? ये 5 हैरान कर देने वाले टिप्स करेंगे कमाल

अगर आपका बच्चा पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहा है और हर छोटी चीज़ से उसका फोकस भटक जाता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कई पेरेंट्स इसी समस्या का सामना करते हैं, लेकिन कुछ आसान और असरदार तरीकों से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है।

Bhawna Choubey
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कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनका पढ़ाई में मन लगा रहता है, वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनका पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता है बल्कि ध्यान इधर उधर भटकता रहता है। पढ़ाई में ध्यान न लगना एक बहुत ही मामूली समस्या है जो लगभग हर दूसरे बच्चे में देखी जा सकती है। सिर्फ़ बच्चे ही क्यों आप ख़ुद अपने आपका बचपन एक बार देख लीजिए कि जब आप छोटे बच्चे थे तो क्या आपका पढ़ाई में मन लग पाता था?

ऐसा ही हाल कुछ अब बच्चों का भी है, पहले के ज़माने में तो बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर सिर्फ़ खेल कूद में लगा रहता था, लेकिन अब बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर सिर्फ़ और सिर्फ़ मोबाइल में लगा रहता है। जैसा कि देखा जाता है कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो कुछ देर पढ़कर भी सब कुछ याद रखते हैं। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो घंटो घंटों तक पढ़ाई करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें चीज़ें याद नहीं रहती है।

क्यों भटकता हैं बच्चों का ध्यान? (Parenting Tips)

सबसे पहले तो यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि आख़िर बच्चों का ध्यान क्यों भटक रहा है, कुछ चीज़ें ऐसी होती है जो बच्चों का ध्यान भटकाने में मदद करती है जिसके बारे में सभी लोग जानते हैं उन चीज़ों में मोबाइल, TV, वीडियो गेम्स आदि शामिल हैं। इसके अलावा बच्चों का रुटीन और उनकी जीवनशैली भी ध्यान भटकाने में मदद करती है। इन कारणों को समझकर इनका समाधान निकालना बहुत ज़रूरी होता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में ऐसे ही कुछ टिप्स बताएंगे जिनकी मदद से बच्चों का ध्यान पढ़ाई से नहीं हटेगा।

पढ़ाई का माहौल बनाएं

सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा जिस जगह पर पढ़ाई कर रहा है वहाँ माहौल कैसा है। बच्चे की स्टडी टेबल में कम चीज़ें ही रखें, ज़्यादा चीज़ें रखी होती है तो बच्चों का ध्यान भटकता है। जितना हो सके शोर शराबे कम करें , रोशनी का भी ध्यान रखें। इसके अलावा देखें की कहीं बच्चे के कमरे में सफोकेशन तो नहीं हो रहा है। बच्चों से पढ़ाई से संबंधित सवाल पूछे कि उन्हें कठिन विषय कौन सा लगता है? सरल विषय कौन सा लगता है? उन्हें क्या पढ़ने में ज़्यादा मज़ा आता है आदि।

डेली रूटीन तैयार करें

हर दिन का पढ़ाई, खेल कूद, TV और खाने पीने का समय निश्चित करें। बच्चों का एक डेली रूटीन तैयार करें, और उसी रूटीन के अनुसार बच्चों के दिन की शुरुआत करें। बच्चों को कभी भी लंबे समय तक पढ़ाई के ये नहीं बिठाए बीच बीच में उन्हें थोड़ा ब्रेक ज़रूर दें। ऐसा करने से उन्हें मानसिक थकान नहीं होगी, फ़ोकस भी बेहतर होगा, डेली रूटीन सेट करने से बच्चा अनुशासन सीख जाएगा।

मज़ेदार तरीक़े से बच्चों को पढ़ाएं

पढ़ाई को बोरिंग न बनाएँ, अगर बच्चे को कोई विषय कठिन लग रहा है तो आप कोशिश कीजिए कि आप उसे मज़ेदार तरीक़े से बच्चों को समझाएँ, खेल कूद की मदद से बच्चों को समझाएँ जिससे की बच्चों को जल्दी समझ आ जाए। इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों को कहानी सुनना बहुत पसंद होता है, अगर आप उन्हें कोई चैप्टर या विषय कहानी के रूप में समझाएंगे तो उन्हें ज़रूर समझ जाएगा।

30-40 मिनट आउटडोर गेम

जब बच्चा अपनी पढ़ाई पूरी कर लें तब उसे मोबाइल देने की बजाय बाहर खेलने कूदने के लिए लेकर जाएं। 30-40 मिनट आउटडोर गेम खेलने से बच्चा रिफ्रेश महसूस करेगा, इस बात का ध्यान रखें कि 30-40मिनट में मेडिटेशन और एक्सरसाइज को भी ज़रूर शामिल करें। ऐसा करने से बच्चों का फ़ोकस बढ़ता है, मन शांत रहता है, चिड़चिड़ापन कम होता है।

नींद और ख़ानपान

इन सब चीज़ों के अलावा बच्चों की नींद और ख़ान पान पर ख़ास ध्यान दें। बच्चों को बाहर का खाना यानी जंकफूड बहुत पसंद होता है। कोशिश करें कि बच्चों को बाहर का बिलकुल भी न खिलाएं। उन्हें उनकी मनपसंद चीज़ें घर पर ही बनाकर देनी चाहिए। बच्चों को 8-10 घंटे की पर्याप्त नींद लेने दें। उन्हें रात में ज़्यादा देर तक जागने नहीं देना चाहिए।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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