Parenting Tips: आजकल के समय में मोबाइल न सिर्फ़ बड़े लोगों की ही नहीं बच्चों के लिए भी ज़रूरत बन चुका है। यही कारण है कि आज कल बच्चे अपना ज़्यादा से ज़्यादा समय मोबाइल या फिर लैपटॉप के सामने बिताते हैं। डिजिटल दुनिया के ज़माने में इंटरनेट का उपयोग दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है, ऐसे में बच्चे भी किसी न किसी रूप से इंटरनेट का इस्तेमाल करते ही हैं।
लेकिन बच्चे छोटे होते हैं और उन्हें इंटरनेट का इस्तेमाल करने का थोड़ा कम ज्ञान होता है, जिस वजह से मोबाइल में कुछ चीज़ों की वजह से बच्चे साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं, अगर आपको भी अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है, आपको भी यही डर लगता रहता है कि कहीं आपका बच्चा इंटरनेट का ग़लत इस्तेमाल न करें, कहीं वो किसी जाल में न फँस जाएं, इसके चलते आज हम आपके लिए ऐसे टिप्स लेकर आए हैं, जिसकी मदद से आप अपने बच्चों को साइबर फ्रॉड से बचा सकते हैं।

खुलकर बातें करें
सबसे पहला और अच्छा तरीक़ा यह है कि आप अपने बच्चों से खुलकर बातें करें। साथ ही साथ उन्हें दुनिया में चल रहे साइबर क्राइम के बारे में भी अवगत कराएँ। साथ ही साथ उनसे सवाल पूछे की वे मोबाइल में इंटरनेट का इस्तेमाल किन-किन कामों के लिए करते हैं। आप अपने बच्चों को साइबर फ्रॉड और साइबर बुलिंग के बारे में ज़रूर बताएँ।
मोबाइल की सेटिंग पर ध्यान दो
अगर आपका बच्चा तरह-तरह के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक्टिव रहता है, तो ज़रूरी है कि आप उसके मोबाइल की प्राइवेसी सेटिंग को ऐक्टिवेट करें। अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं है तो हम आपको बता दें, कि सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफ़ॉर्म पर आपको यह ऑप्शन साफ़-साफ़ नज़र आएगा। प्राइवेसी सेटिंग को एक्टिवेट करने से आप यह तय कर पाएंगे, कि आपके बच्चे को कौन-कौन मैसेज कर सकता है।
छुपाए नहीं, रिपोर्ट करें
अपने बच्चों को इस बात की जानकारी दें, कि अगर उनके साथ इंटरनेट की वजह से कुछ ग़लत हो जाए या फिर धोखा हो जाए तो इसकी शिकायत उन्हें करनी चाहिए, इस बात को किसी से भी नहीं छिपाना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में आप साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा साइबर क्राइम हेल्पलाइन ऑफिशल पोर्टल पर जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।