बच्चे के गुस्से को कैसे करें कंट्रोल? अपनाएं ये 4 आदतें और देखें कमाल

अगर आपका बच्चा जल्दी गुस्सा हो जाता है और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ा हो जाता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। बच्चों का गुस्सा उनके इमोशन्स को जाहिर करने का एक तरीका हो सकता है, जिसे सही तरीके से समझकर संभाला जा सकता है।

Bhawna Choubey
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बच्चों की अच्छी परवरिश करना माता पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। अपने इसी काम को अच्छे से करने के लिए माता पिता हर वो कोशिश करते हैं जो कि वे कर सकते हैं। सभी माता पिता की यही ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ाई लिखाई करें और जीवन में ख़ूब आगे बढ़ें। इसी के चलते माता पिता बचपन से ही बच्चों को हर प्रकार की सुख सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं, जिससे की बच्चों को परेशानी न उठानी पड़े।

जैसे जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे वैसे बच्चों की परवरिश करने का तरीक़ा भी बदलता जा रहा है, आजकल बच्चों को कितनी भी सुख सुविधाएँ क्यों ना दे दें उन्हें हमेशा कुछ न कुछ कमी लगती ही रहती है। इतना ही नहीं दिन पर दिन बच्ची ज़िद्दी और ग़ुस्सैल भी होते जा रहे हैं, ऐसे में माता पिता की चिंताएं बढ़ने लगती है कि आख़िर अपने बच्चों की परवरिश करें तो कैसे करें? अगर आपके बच्चे का भी ग़ुस्सैल स्वभाव है, छोटी उम्र होने के बावजूद भी वह हद से ज़्यादा ग़ुस्सा करता है, तो ऐसे में आपको इन टिप्स को अपनाने की आवश्यकता है।

गुस्सैल बच्चे को कैसे संभाले (Parenting Tips)

डाँटें या चिल्लाए नहीं

अगर आपका बच्चा ग़ुस्सा कर रहा है, ऐसे में आप उसको डांटेंगे, या फिर उस पर चिल्लाएँगे, तो स्थिति और भी ज़्यादा ख़राब हो सकती है। सबसे पहले बच्चों की भावनाओं को समझने की कोशिश करें, यह जानने की कोशिश करें कि बच्चा आख़िर इतना ग़ुस्सा क्यों कर रहा है। उसे प्यार से समझाए, प्यार से उसके साथ बात करें। ऐसे में आपको बच्चे का मूड समझाएगा, साथ ही साथ यह भी समझ जाएगा कि कहीं आपका बच्चा किसी परेशानी में तो नहीं है।

ख़ुद का उदाहरण पेश करें

सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें, कि जब आपका बच्चा ग़ुस्से में रहे, तब आपको ग़ुस्सा नहीं करना है। आपको ख़ुद को शांत रखकर बच्चे के सामने ख़ुद का उदाहरण पेश करना है। बच्चों को सिखाएं, कि कैसे छोटी छोटी बातों पर ग़ुस्सा करना नुकसानदायक हो सकता है, जैसे हमें अपनी ग़ुस्सा वाली भावना को कंट्रोल करना चाहिए।

ये फिजिकल एक्टिविटी करवाएँ

अगर आपको ऐसा महसूस हो रहा है कि आपके बच्चे को हर छोटी छोटी बातों में आज कल घुसाने लगता है। तो सबसे पहले उसे मोबाइल से दूर रखें। फिजिकल एक्टिविटी में अपने बच्चों को व्यस्त रखें। उन्हें दौड़ना, साइकिल चलाना, योग, डांस , पेंटिंग या कोई भी क्रिएटिव चीज़ें सिखाएं, ऐसा करने से बच्चों का मन शांत रहेगा और उन्हें ग़ुस्सा कम आएगा।

रोज़ मेडिटेशन करवाए

मेडिटेशन एक बहुत ही अच्छी आदत है, जिसे न सिर्फ़ बच्चे बल्कि बड़ों को भी अपनाना चाहिए। अगर आपका बच्चा ज़्यादा ग़ुस्सा करता है, रोज़ाना अपने बच्चों के साथ मिलकर आप भी 10 मेडिटेशन ज़रूर करें। ऐसा करने से मन शांत रहता है, छोटी छोटी बातों पर ग़ुस्सा नहीं आता है, पढ़ाई में भी मन लगता है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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