Parenting Tips: बच्चों का पालन-पोषण माता-पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। बच्चों की आदतें और व्यवहार सीधे उनके माता-पिता से प्रभावित होते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में माता-पिता अक्सर बच्चों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते हैं। लेकिन यह याद रखना ज़रूरी है कि बच्चों की परवरिश में माता-पिता की भूमिका अहम होती है। माता-पिता को अपने बच्चों के सामने हमेशा सकारात्मक व्यवहार करना चाहिए। बच्चों की नकल करने की प्रवृत्ति होती है, इसलिए माता-पिता को अपनी हरकतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बच्चों के सामने झूठ बोलना, गुस्सा करना, या बुरा भला कहना जैसी आदतें बच्चों पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए, माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को एक अच्छा उदाहरण पेश करें और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें।
बच्चों की तुलना करना
बच्चों की तुलना करना, चाहे वह उनके दोस्तों से हो या फिर रिश्तेदारों के बच्चों से, एक बेहद हानिकारक आदत है। यह तुलना बच्चों के मन में हीन भावना पैदा करती है और उनके आत्मविश्वास को कमजोर करती है। हर बच्चा अनोखा होता है और उसकी अपनी-अपनी ताकतें और कमजोरियां होती हैं। जब हम बच्चों की तुलना करते हैं, तो हम उन्हें बता रहे होते हैं कि वे काफी अच्छे नहीं हैं। यह तुलनात्मक सोच बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देती है और उन्हें मानसिक तनाव में डाल सकती है। इसलिए, माता-पिता को अपने बच्चों की तुलना करना बंद कर देना चाहिए और उन्हें उनकी खूबियों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
बच्चों की असफलता पर प्रतिक्रि देना या
बच्चों के परीक्षा में फेल होने पर माता-पिता का गुस्सा आना एक सामान्य प्रतिक्रिया हो सकती है। हालांकि, बच्चों को असफलता से डील करना भी सिखाना ज़रूरी है। हर बार सफलता मिलना संभव नहीं होता। असफलता से बच्चों को कई महत्वपूर्ण सबक मिल सकते हैं, जैसे कि मेहनत करने का महत्व, धैर्य रखना और मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना। माता-पिता को बच्चों को यह समझाना चाहिए कि असफलता जीवन का एक हिस्सा है और इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। इसके बजाय, उन्हें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। अत्यधिक दबाव डालने के बजाय, माता-पिता को बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उन्हें अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
बच्चों में बदलाव लाने से पहले खुद में बदलाव लाएं
बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखने के लिए, माता-पिता को पहले खुद में बदलाव लाना चाहिए। अक्सर हम बच्चों से गलतियों पर डांटते हैं, लेकिन हमें यह भूल जाता है कि बच्चे हमारी ही प्रतिछाया होते हैं। अगर हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे अच्छी आदतें डालें, तो हमें खुद भी उन आदतों को अपनाना होगा। बच्चों पर आरोप लगाने के बजाय, हमें अपनी कमियों को स्वीकार करना चाहिए और उनमें सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए। याद रखें, बच्चे सीखते हैं देखकर, इसलिए हमें उन्हें एक अच्छा उदाहरण पेश करना होगा।
बच्चों की हर इच्छा पूरी करना है एक खतरनाक खेल
बच्चों की हर इच्छा पूरी करना उन्हें बिगाड़ सकता है, यह बात अक्सर अनदेखी की जाती है। कई माता-पिता अपने बच्चों को खुश रखने के लिए उनकी हर मांग पूरी कर देते हैं, लेकिन यह एक गलत धारणा है। बच्चों को हर चीज़ आसानी से मिल जाने से वे जिद्दी और स्वार्थी बन सकते हैं। उन्हें यह समझ नहीं आता कि हर चीज़ पाने का अधिकार उनका नहीं होता है। इसलिए, माता-पिता को बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि हर चीज़ की कीमत होती है और वे केवल अपनी ज़रूरत की चीज़ें ही मांगें। बच्चों की हर इच्छा पूरी करने से बचकर, माता-पिता उन्हें स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकते हैं।