10-12 की उम्र से पहले बच्चों को सिखाएं ये जरूरी बातें, बाद में पछताने से बचें

Parenting Tips: 10-12 साल की उम्र बच्चों के जीवन में एक ऐसा मोड़ होता है, जब वे चीजों को समझने और सीखने की क्षमता विकसित कर रहे होते हैं। इस उम्र तक उन्हें कुछ खास बातें सिखाना बेहद जरूरी होता है, ताकि वे आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बन सकें।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: 10 या 12 साल की उम्र बच्चों के विकास में एक ऐसा समय होता है, जब वह धीरे-धीरे किशोर अवस्था की दहलीज पर कदम रख रहे होते हैं। इस समय बच्चों को कुछ ऐसी जरूरी बातें सिखाना बहुत जरूरी होता है, जो उनके आने वाले जीवन में मजबूत नींव का काम करेगी। जैसे अपनी जिम्मेदारी समझना, समय की अहमियत जानना और खुद पर भरोसा रखना।

यह बातें न सिर्फ उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि उन्हें आगे की जिंदगी में आने वाली चुनौतियों से निपटने में भी मदद करेंगी। चलिए जानते हैं कि ऐसी कौन-कौन सी आसान और जरूरी बातें हैं जो हर माता-पिता को अपने बच्चों को 10 से 12 साल की उम्र में सिखानी चाहिए।

बच्चों को खुद पर भरोसा करना सिखाएं

आत्मविश्वास बच्चों के जीवन में बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह उन्हें हर तरह के चुनौतियों का सामना करने में ताकत देता है। जब बच्चे समझते हैं कि वे क्या कर सकते हैं और खुद पर भरोसा करना सिखते हैं, तो उनका हौसला बढ़ता है। छोटे-छोटे लक्ष्य तय करना और उन्हें पूरा करना उनके आत्मविश्वास को मजबूत बनाता है और उन्हें यह एहसास दिलाता है की मेहनत से सब कुछ मुमकिन है। इसलिए बच्चों को खुद पर भरोसा करना सीखना और उनकी हिम्मत बढ़ाना उनके आगे के जीवन के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

बच्चों को छोटे-छोटे कामों के जरिए सिखाएं

जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए बच्चों को घर के छोटे-छोटे कामों में शामिल करना बहुत फायदेमंद होता है। अक्सर माता-पिता बच्चों को छोटा समझकर उनसे काम नहीं करवाते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों से कोई बड़ा काम नहीं करवाना है, बल्कि छोटे-छोटे काम करवाने हैं। जैसे कि अपना कमरा साफ करना, खुद के बर्तन धोना या सिंक में अच्छी तरह से रखकर आना या कोई और काम करना। इससे उन्हें न केवल जिम्मेदारी निभाना आता है। बल्कि वह समझते हैं कि घर की जिम्मेदारियां को कैसे बांटना चाहिए।

बच्चों को दूसरों का आदर करना सिखाएं

बच्चों को यह सिखाना जरूरी है, कि वह हर किसी का सम्मान करें चाहे वह व्यक्ति उनसे बड़ा हो या फिर छोटा उन्हें समझाएं कि हर इंसान अलग होता है और उसकी अपनी सोच व राय होती है, जिसका आदर करना चाहिए। इस तरह वे दूसरों की भावनाओं और विचारों की कद्र करना सीखेंगे जो आगे चलकर उनके व्यक्तित्व को और निखारेगा।

टीमवर्क का महत्व सिखाएं

बच्चों को मिलकर काम करना सिखाना बहुत जरूरी है। क्योंकि इससे वे टीमवर्क का महत्व समझते हैं। उन्हें बताएं कि साथ मिलकर काम करने से न केवल काम आसान होता है, बल्कि दूसरों के साथ अच्छे संबंध भी बनते हैं। टीमवर्क से वे सहयोग करना, समझदारी से काम लेना और एक दूसरे की मदद करना सीखेंगे जो आगे चलकर उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।

असफलता से सीखना सिखाएं

बच्चों को समझना चाहिए की असफलता भी जीवन का एक अहम हिस्सा है। जब वे असफल हो तो निराश होने की बजाय उससे कुछ नया सीखने का प्रयास करें। उन्हें बताएं की असफलता से मिले अनुभव ही आगे बढ़ाने और सुधार करने में मदद करते हैं। इस तरह वे हर चुनौती का सामना आत्मविश्वास के साथ करना सीखेंगे और जिंदगी में मजबूती से आगे बढ़ पाएंगे।

बच्चों को सिखाएं खर्च और बचत का महत्व

बच्चों को पैसे का महत्व सिखाना जरूरी है ताकि वह भविष्य में इस समझदारी से इस्तेमाल कर सकें। उन्हें बताएं कि पैसा कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है और इस सोच समझ कर खर्च करना चाहिए। साथी उन्हें बचत करने और बजट बनाने की आदत डालें, ताकि वे अपने खर्चों को संतुलित रखना सीखें। यह समझ उन्हें पैसों का सही उपयोग और वित्तीय जिम्मेदारी निभाने सिखाएगी।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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