स्मार्ट बच्चे की परवरिश का खुल गया सीक्रेट, ये आदतें बनाती हैं बेहतर भविष्य

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा जिंदगी में हर कदम पर सफल हो, आत्मविश्वास से भरा रहे और सही फैसले ले सके. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी नींव बचपन में ही रखी जाती है?

Bhawna Choubey
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हर माता-पिता की यही ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे अच्छे संस्कार सीखे, पढ़ाई में हमेशा आगे रहे हैं, और जीवन में ख़ूब तरक़्क़ी करे. अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए माता-पिता (Parenting Tips) बच्चों को बचपन से ही सारी सुख सुविधाएँ उपलब्ध करवाते हैं, जिससे की बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना करना पड़े. माता-पिता हमेशा पढ़ाई को लेकर बच्चों के पीछे लगे रहते हैं. पहले के ज़माने में बच्चों को बड़ा करने के लिए उन पर ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं हुआ करती थी. लेकिन अब ज़माना पूरी तरह बदल चुका है, अब माता-पिता को बच्चों की चिंता सताती रहती है.

माता-पिता बच्चों को बचपन से ही सारी चीज़ें दिलाते हैं जो कि उनकी ज़रूरत की हो, लेकिन बच्चों की ज़रूरतों को पूरा करना ही काफ़ी नहीं होता है, बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने के लिए उन्हें कुछ आदतों को सिखाना भी ज़रूरी होता है, आज हम इस आर्टिकल में उन्हीं आदतों के बारे में ज़िक्र करेंगे. इन आदतों को आपको एक छोटी उम्र में ही अपने बच्चों को सिखाना चाहिए, चलिए फिर जान लेते हैं कि वे आदतें कौन-कौन सी है.

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कामों को न टालें

कामों को टालने की आदत लगभग हर बच्चे में होती है. यह आदत बेहद मामूली लग रखती है, पर असल में यह बहुत ही ख़तरनाक आदत है. अगर आपके बच्चे में भी यह आदत है, तो आप तुरंत उसे बताएँ की यह आदत अच्छी नहीं है, हमें अपने सारे काम समय पर पूरे करने चाहिए, इस तरह माता पिता को बच्चों को उस समय की अहमियत बताना चाहिए. हर काम को सही समय पर करने से बच्चा अनुशासन सकता है, अनुशासन सीखने से बच्चा जीवन में ख़ूब आगे बढ़ता है.

साफ़-सफ़ाई की आदत

हर व्यक्ति को अपनी ज़िंदगी में साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, इसकी शुरुआत सुबह से ही होनी चाहिए, जैसे कि जब आपका बच्चा सुबह उठता है, तो उसे सिखाए, कि बिस्तर बनाना, उठने के बाद तुरंत ब्रश करना, फ़्रेश होना, समय पर नहाना ये अच्छी आदतें होती है, जब बच्चा बचपन से ही इन आदतों को अपना लेता है, तो बड़े होते होते हैं उसी जीवन में ज़्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है, साथ ही साथ वह आत्मनिर्भर भी बन जाता है.

थैंक्यू बोलना

इसके अलावा बच्चों को यह भी सिखाना चाहिए कि हमें हमेशा थैंक्यू बोलना चाहिए, उन सब चीज़ों के लिए जो हमारे पास मौजूद हैं. हम हमेशा ना सिर्फ़ बड़े बुजुर्गों का बल्कि छोटों का भी मान सम्मान करना चाहिए. हमें जीवन में मिली हर छोटी से छोटी चीज़ों के लिए शुक्रगुज़ार महसूस करना चाहिए, कभी भी हमें अपनी ज़िंदगी से शिकायत नहीं करना चाहिए. इस तरह की आदतें बच्चों को आगे बढ़ने में बहुत मदद करती है.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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