माता-पिता की उम्मीदों पर पानी फेर देती हैं बच्चों की ये बातें, हमेशा रहते हैं दुखी

माता-पिता (Parenting Tips)अपने बच्चों के लिए बड़े-बड़े सपने देखते हैं, उनकी हर खुशी के लिए खुद को तकलीफ में डालते हैं. लेकिन कई बार बच्चे जाने-अनजाने में ऐसी बातें कह देते हैं या ऐसे काम कर बैठते हैं, जो माता-पिता के दिल को गहरी ठेस पहुंचाते हैं.

Bhawna Choubey
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हर माता-पिता की यही ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे अच्छे संस्कार सीखे, पढ़ाई में हमेशा आगे रहे हैं, और जीवन में ख़ूब तरक़्क़ी करे. अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए माता-पिता (Parenting Tips) बच्चों को बचपन से ही सारी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करवाते हैं, जिससे की बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना करना पड़े. लकिन जब बच्चों की तरफ से माता-पिता को अच्छा रिजल्ट नहीं मिलता हैं, तो वे निराश हो जाते हैं.

जैसे-जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे-वैसे परवरिश करने का तरीक़ा भी बदलता जा रहा है, पहले के ज़माने में बच्चों के ऊपर ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती थी, वे बिना किसी ज़्यादा देखभाल की भी बड़े हो जाते थे और समझदार भी बन जाते थे. लेकिन अब समय पूरी तरह बदल चुका है, अब बच्चों का पल पल ध्यान रखना पड़ता है. माता-पिता बच्चों को पालने की अच्छी से अच्छी कोशिश करते हैं इसके बावजूद भी कुछ ना कुछ कमी रह जाती है.

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बच्चों की ये आदतें तोड़ देती हैं माता-पिता के सपने

माता-पिता बच्चों की अच्छी परवरिश करने के लिए अपनी पूरी ज़िंदगी बच्चों पर कुरबान कर देते हैं, बच्चों को सारी सुख सुविधाएँ दे सके इसके लिए वे ख़ूब मेहनत करते हैं, लेकिन बच्चे कभी इस बात को समझ ही नहीं पाते हैं, और जाने-अनजाने में अपनी हरकतों से माता-पिता को दुख पहुचाते है. इसलिए बच्चों को यह बात समझनी चाहिए कि उनके व्यवहार से माता-पिता को कितना बुरा लगता है, यहाँ तक कि उनकी सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है. बच्चों को यह बात समझने की आवश्यकता है, कि उनकी यह हरकत न सिर्फ़ माता पिता को दुख पहुँचा रही है, बल्कि उनकी ख़ुद के भविष्य के लिए भी कई सारी बाधाएँ उत्पन्न कर रही है. चलिए फिर इस आर्टिकल के ज़रिए जान लेते है, कि वे कौन-कौन सी आदतें है, जिसकी वजह से माता-पिता को दुख मिलता है.

जिम्मेदार न होना

जब बच्चा छोटा होता है, माता-पिता बच्चों से किसी भी प्रकार की ज़िम्मेदारी की उम्मीद नहीं करते हैं. लेकिन जब बच्चा धीरे-धीरे बड़े होने लगता है, तो हर माता-पिता की ख़्वाहिश होती है कि उसका बच्चा ज़िम्मेदार बने. कई बार देखा जाता है कि बच्चे घर, परिवार और अपने करियर को लेकर बिलकुल भी सीरियस नहीं होते हैं, अगर आप में भी यह आदतें हैं, तो आप कहीं न कहीं अपनी इन आदतों की वजह से अपने माता-पिता को दुखी कर रहे हैं, अगर आप अपने करियर को लेकर सीरियस नहीं होंगे, तो आपके माता-पिता की चिंता दिन पर दिन बढ़ती चली जाएगी. इसलिए अब आप बड़े हो चुके हैं, आपको ज़िम्मेदार बनना होगा, अब आपको अपने करियर और घर, परिवार के लिए सोचना होगा.

ग़लत संगति में रहना

कई बच्चे ग़लत संगति में रहकर ख़ुद का भविष्य बिगाड़ देते हैं, इसके लिए सबसे ज़रूरी है कि अपने आस-पास अच्छे लोगों को रखें, जो आपको हमेशा आगे बढ़ने में मदद करें, मौज-मस्ती अपनी जगह है, लेकिन अगर यह मौज-मस्ती आपके करियर या फिर ग्रोथ में रुकावट बन रही है तो यह मौज-मस्ती बिलकुल भी अच्छी नहीं है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि बच्चे, अमीर दोस्तों की संगति में रहते हैं और दिन भर सिर्फ़ मौज-मस्ती करते रहते हैं, अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको इस बात को समझने की आवश्यकता है कि आपके दोस्त को पढ़ाई या फिर करियर की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उसके माता-पिता उसका करियर जैसे-तैसे बनवा देंगे, अगर आप चाहते हैं कि आपका करियर बहुत अच्छा बने, आप अपने माता-पिता को अच्छा जीवन दे सके, तो आपको ऐसी संगती छोड़नी होगी.

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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