बच्चों की अच्छी परवरिश (Parenting Tips) करना माता पिता की सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होती है, इसके चलते माता पिता बच्चों को हर प्रकार की सुख सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं, जिससे की बच्चे को किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी का सामना न करना पड़े. इसी दौरान माता पिता बचपन से ही बच्चों की कई छोटी छोटी गलतियों को नज़रअंदाज़ करते जाते हैं, जो बड़े होते होते एक बड़ी गलती साबित होती है.
अक्सर माता पिता को ऐसा लगता है कि बच्चा अभी छोटा है, उसकी उम्र कच्ची है, इसलिए अगर कोई गलती कर देता है तो उसे नज़रअंदाज़ कर देना चाहिए क्योंकि जब भी बड़ा होगा तो उसे अपनी गलतियाँ अपने आप समझ आ जाएगी और हम उसे बड़ी होने पर उसकी गलतियों का एहसास करवा देंगे, लेकिन यह सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ग़लतफ़हमी है, अगर आप बचपन से ही बच्चों की गलतियों को सुधारने में उनकी मदद करेंगे तो बड़े होते हो तो बच्चों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी.
बचपन से डालें सच्चाई की आदत (Parenting Tips)
झूठ बोलने की आदत बहुत बेकार आदत होती है, अगर हम बच्चों को बचपन से ही सिखाएँगे की झूठ बोलना ग़लत होता है, झूठ नहीं बोलना चाहिए न ही झूठ का साथ देना चाहिए, तो बच्चे बड़े होते होते इस बात को बेहद अच्छे से समझ जाएँगे और वे अपनी ज़िंदगी में कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे नहीं झूठ का साथ देंगे. अगर आप बचपन में ही बच्चों की झूठ बोलने की आदत को नज़रअंदाज़ करेंगे, तो बच्चा बड़े होते होते हमेशा झूठ बोलता रहेगा.
बचपन से ही सिखाएं ईमानदारी
अक्सर ऐसा होता है कि जब बच्चे छोटे होते हैं तो वो स्कूल या फिर कोचिंग से अपने दोस्तों की कुछ चीज़ें, जैसे पेंसिल, इरेज़र, शार्पनर आदि ले आते हैं और उन्हें वापस लौटाना भूल जाते हैं, अगर आपका बच्चा भी कभी गलती से किसी और की चीज़ ले आता है तो उसे सिखाएं, की हमें दूसरों की चीज़ों को समय पर लौटाना चाहिए, अगर गलती से वह चीज़ आपके साथ आ गई हैं, तो लौटाने के दौरान सॉरी भी कहना चाहिए.
गलत शब्दों पर तुरंत रोक लगाएं
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे बचपन में जब कुछ ग़लत शब्दों का प्रयोग करते हैं तो माता पिता और परिवार वाले बच्चों की इस गलती को हंसकर टाल देते हैं, वे यह सोचते हैं कि अभी यह छोटा बच्चा है, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर आपका बच्चा कभी भी ग़लत शब्दों का प्रयोग कर रहा है, तो उसे तुरंत टोंक दें, और बताए कि यह सब ग़लत है.





