नीले रंग के कमरे में रहने वाले लोग होते हैं ज्यादा प्रोडक्टिव, जानिए ऐसे ही 15 दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य

Psychology

Psychological facts : मनोविज्ञान में मन और व्यक्तित्व का अध्ययन किया जाता है। यह शोध और विश्लेषण के माध्यम से मानव व्यवहार, मानव मस्तिष्क, और मानव अनुभव का अध्ययन करता है। कई अध्ययन में मानव व्यवहार और स्वभाव को लेकर अनेक रोचक तथ्य सामने आए हैं। हम आपके साथ ऐसे ही कुछ मनोवैज्ञानिक तथ्य लेकर आए हैं।

मनोवैज्ञानिक तथ्य

  1. मनुष्य निर्जीव वस्तुओं में मानव चेहरा खोजता है। फिर चाहे वो बादल हो, आसमान, पेड़ या अन्य वस्तु। वो अक्सर अपनी कल्पनाओं के आधार पर यहां किसी इंसान का चेहरा तलाशता है।
  2. ये बात थोड़ी हैरत वाली लग सकती है लेकिन एक शोध के मुताबिक नीले रंग के कमरे में रहने वाले लोग अधिक प्रोडक्टिव होते हैं।
  3. जो लोग स्मार्ट होते हैं उनके पास कम साथी या दोस्त होते हैं। लोग जिसने होशियार होते जाते हैं उतने ही सिलेक्टिव भी हो जाते हैं।
  4. जो लोग दो भाषाए जानते हैं वो अनजाने में ही अपने व्यक्तित्व को स्विच कर सकते हैं, जब वो एक से दूसरी भाषा में बात करना शुरु करते हैं।
  5. हम दिन में ज्यादा रचनात्मक होते हैं और रात में ज्यादा कल्पनाशील।
  6. यात्राएं हमारी सेहत के लिए लाभदायक होती है। एक रिसर्च के अनुसार यात्रा हमें मस्तिष्क की स्थिति में सुधार लाती हैं, साथ ही इससे अवसाद होने की संभावना भी घटती है।
  7. भावनात्मक पीड़ा का प्रभाव किसी शारीरिक पीड़ा से अधिक होता है और ये लंबे समय तक समृति में रहता है।
  8. अगर आपके पास कोई प्लान बी है तो प्लान ए के कामयाब होने की संभावना कम हो जाएगी।
  9. अगर आपके आसपास के लोग खुश हैं तो ये बात आपके मूड पर भी असर डालती है और आप भी खुश रहते हैं।
  10. आप जिस तरह का संगीत सुनते हैं या पसंद करते हैं, वो दुनिया को देखने के आपके नजरिये को प्रभावित करता है।
  11. अगर आप 20 सेकंड से ज्यादा किसी को गले लगाते हैं तो उस व्यक्ति पर विश्वास करने की संभावना बढ़ जाती है।
  12. खुशी, दुख, क्रोध, चिंता, घृणा और आश्चर्य ये ऐसी 6 छह भावनाएं हैं जो समान रूप से व्यक्त की जाती हैं।

  13. व्यस्त रहने वाले लोग खुश रहते हैं क्योंकि उन्हें नकारात्मक बातें सोचने का समय नहीं मिलता है।
  14. किसी और पर पैसा खर्च करने से खुशी मिलती है।
  15. गाना गाने से हमारे दुखी मन को कुछ समय के लिए राहत मिलती है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा या पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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