नर्सरी में खिले-खिले, घर पर लगाते ही मुरझा जाते हैं आपके पौधे, क्या हैं इसका कारण, कैसे करें इनका बचाव

अक्सर लोग नर्सरी से खूबसूरत और हरे-भरे पौधे लाते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में वे मुरझाने लगते हैं। ऐसा क्यों होता है? क्या देखभाल में कोई कमी रह जाती है, या फिर इसका कोई और कारण है? अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो चिंता न करें।

Bhawna Choubey
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घर में पेड़-पौधे लगाने का शौक लगभग सभी को होता है। अपने इसी शौक़ को बरकरार रखने के लिए लोग नर्सरी से तरह तरह के पौधों लेकर आते हैं, गाँव में लोगों के पास से ज़्यादा जगह होती है, जिसके चलते लोग अपने घर के आस पास गार्डन बना लेते हैं, लेकिन शहरों में लोगों के पास इतनी जगह नहीं होती है, इसलिए लोग छतों और बालकनी में ही तरह तरह के पौधे लगाते हैं, जिसके चलते वे नर्सरी से हरे भरे और खिले खिले पौधे लेकर आते हैं।

नर्सरी से पौधे लाने के दौरान तो पौधा हरा भरा रहता है साथ ही साथ उसमें फूल भी खिले रहते हैं, लेकिन जब हम इन पौधों को घर लाते हैं तो पौधा मुरझा जाता है। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है? दरअसल इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में आज हम इस आर्टिकल में बताएंगे, साथ ही साथ हम यह भी जानेंगे कि आख़िर पौधों की देखभाल अच्छे से कैसे की जा सकती है।

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घर पर लगाते ही मुरझा जाते हैं आपके पौधे? (Plant Care)

ज़्यादातर पौधों को क़लम की मदद से उगाया जाता है। इन पौधों में पूरी तरह से जड़ें नहीं आयी होती है, आपको लगता होगा कि पौधे के ऊपरी हिस्से में तो ख़ूब सारे पत्ते और फूल है, लेकिन ये सिर्फ़ ऊपरी हिस्से में नज़र आते हैं, यानी नीचे से पौधों की जड़े अभी कमज़ोर है, अभी पौधे की जड़ पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है। ऐसे में अगर हम नर्सरी से पौधे लाकर तुरंत ही गमले में शिफ़्ट करते हैं, तो पौधों को नुक़सान पहुँचता है, जड़ों पर असर पड़ता है, यही कारण है कि कई बार नर्सरी से पौधे लाने के बाद मुरझा जाते हैं। इसलिए कभी भी नर्सरी से पौधा लाने के तुरंत बाद गमले में कभी भी शिफ़्ट नहीं करना चाहिए, साथ ही साथ शिफ़्ट करने के दौरान कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए।

अगर आप क़लम वाले पौधों को तुरंत ही गमले में शिफ़्ट करना चाहते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि पौधे को ज़्यादा हिलाएँ नहीं, पौधों को गमले में शिफ़्ट करने के दौरान जड़ों का ख़ास ध्यान रखें। जड़ों को ज़रा सा भी नुक़सान नहीं होना चाहिए, नहीं तो आपकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी। ऐसे में गमले में मिट्टी भरने के बाद, जड़ों को फ़िट करने के लिए पहले से ही जगह बनाकर रखें, और सावधानीपूर्वक धीरे से पौधे को गमले में शिफ़्ट कर दें ।

इन बातों का रखना होगा विशेष ध्यान

  1. जब कभी भी आप नर्सरी से नया पौधा लेकर आए, तो कम से कम पाँच छह दिन बाद ही उसको गमले में शिफ़्ट करें, ऐसा करने से पौधों को नुक़सान कम पहुँचता है। दरअसल नर्सरी में पौधों को अलग वातावरण मिलता है, हमारे घर में पौधों को अलग वातावरण मिलता है, इसलिए पहले पौधों को नए वातावरण में ढलने का मौक़ा दें, कुछ दिन उन्हें अपने घर में गमले में बिना शिफ़्ट करें ही रखें। 4-5 दिन के बाद पौधा नए वातावरण में ढल जाएगा, फिर आप इसे शिफ़्ट कर सकते हैं।

2. जब आप नर्सरी से पौधा लेकर आते हैं, और नर्सरी बैग में से पौधे को बाहर निकालते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि नर्सरी बैग को बोहोत ही ध्यान से फाड़े, जल्दी-जल्दी में नर्सरी बैग को फाड़ने से पौधों की जड़ों को बेहद नुक़सान होता है। इसलिए सावधानी से, ध्यान से पौधे को निकाले।

3. इसके अलावा सबसे ज़रूरी बात, पौधे के साइज़ के अनुसार ही गमला चुने। कई बार ऐसा होता है कि पौधा बड़ा होता है और गमला छोटा पड़ जाता है, जिस वजह से जड़ों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती है, और पौधा मुरझाने लगता है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें, जब आप इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखेंगे, तो आपके पौधे मुरझाएंगे नहीं, बल्कि बिलकुल वैसे ही रहेंगे जैसे आप नर्सरी से लेकर आए थे।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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