गमले में डालें बस ये चीजें, हर बार टोकरी भर निकलेंगे टमाटर, पड़ोसियों में बाटंने की आजाएगी नौबत

Plant Care: अगर आप भी अपने गमले में टमाटर उगाने की सोच रहे हैं, तो अब यह न सिर्फ आसान है बल्कि बेहद फायदेमंद भी। सही देखभाल और खास मिश्रण के इस्तेमाल से टमाटर की पैदावार इतनी अच्छी हो सकती है कि आपको अपने पड़ोसियों में टमाटर बांटने की नौबत आ जाएगी।

भावना चौबे
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Plant Care: भारतीय रसोई में टमाटर का विशिष्ट स्थान है जो हर देश का स्वाद बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। चाहे वह चटनी हो सूप हो सब्जी हो या फिर ग्रेवी ही क्यों ना हो हर व्यंजन टमाटर के बिना अधूरा सा लगता है। टमाटर न केवल खाने को रंगत और खट्टापन देता है बल्कि सेहत के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होता है।

हालांकि, कई बार इसकी कीमतें इतनी बढ़ जाती है कि आम लोगों के लिए इसे खरीदना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, ऐसे में क्यों ना कुछ आसान स्टेप्स को अपनाकर घर पर ही टमाटर का पौधा उगाया जाए और ताजा टमाटरों का आनंद उठाया जाए। चलिए टमाटर उगाने के आसान तरीका जानते हैं।

गमले में टोकरी भर टमाटर उगाने का आसान तरीका

अगर आप गमले में टोकरी भर टमाटर उगना चाहते हैं तो पौधों की उचित देखभाल और पोषण पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। केवल मिट्टी से पौधों का विकास तेजी से संभव नहीं है इसके लिए सही खाद का मिश्रण भी बहुत जरूरी है। गमले में मिट्टी के साथ एक चौथाई कोकोपीट, सरसों की खली, नीम की खली और वर्मीकंपोस्ट का मिश्रण तैयार करें और इसे पौधे में डालें।

इस खाद का कोकोपीट पानी को धीरे-धीरे जड़ों तक पहुंचाता है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधों का विकास तेज होता है। यह मिश्रण टमाटर के पौधों के लिए जरूरी पोषण प्रदान कर उनकी उपज क्षमता को बढ़ाता है।

टमाटर की उपज बढ़ाने का प्राकृतिक उपाय

टमाटर के पौधों के लिए कोकोपीट का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है, क्योंकि यह नारियल के रेशों से बना एक प्राकृतिक उत्पाद है, जो मिट्टी के गुणवत्ता में सुधार करता है। कोकोपीट का उपयोग करने से मिट्टी में वायु संचार बेहतर होता है। जिससे पौधों की जड़े तेजी से विकसित होती है और लंबे समय तक स्वस्थ रहती है। इसके अलावा कोकोपीट में मौजूद पोषक तत्व पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं, जिससे टमाटर की पौधों की उपज क्षमता किसी बढ़ती है। यह नमी को बनाए रखना है और पौधों को आवश्यक पोषण प्रदान करता है।

पौधों की सेहत और उपज के लिए वरदान

घर में तैयार इस मिश्रण में कोकोपीट का उपयोग पौधों को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने के लिए किया जाता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह पौधों को बीमारियों से बचाकर उनकी वृद्धि को बढ़ावा देता है। साथ ही इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला वर्मी कंपोस्ट पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का स्रोत है, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और पौधों को बेहतर उत्पादन देने में मदद करता है।

 


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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