फरवरी में डालें 1 खाद, गुलाब के पौधों में खूब खिलेंगे फूल, पड़ोसी भी मांगेंगे टिप्स

अगर आप चाहते हैं कि आपके गुलाब के पौधे खिलकर बेमिसाल खुशबू और खूबसूरती से महक उठें, तो फरवरी के पहले सप्ताह में उन्हें एक खास खाद दें.

Bhawna Choubey
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गुलाब के पौधों की सही देखभाल करने से यह न सिर्फ़ तो ख़ूबसूरत फूलों से भर जाता है बल्कि आपके घर की शोभा भी बढ़ाता है. ख़ासतौर पर फ़रवरी का महीना गुलाब के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस समय पौधे की वृद्धि तेज़ी से होती है.

यदि आप बिना केमिकल की बाग़वानी करना पसंद करते हैं तो प्राकृतिक खाद का उपयोग बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है. यह खाद्य न केवल पौधों की जड़ों को मज़बूत बनाने में मदद करता है बल्कि लगातार 60 दिनों तक फूल आने में भी मदद करता है. इससे आप ही पौधे स्वस्थ और हरे भरे बने रहते हैं, जिससे गुलाबों की ख़ुशबू और ख़ूबसूरती का आनंद आप लंबे समय तक उठा सकते हैं.

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मूंगफली के छिलकों का इस्तेमाल (Plant Care)

आपने आज तक कई तरह की प्राकृतिक खादों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मूंगफली के छिलकों से भी आप प्राकृतिक खाद बना सकते हैं, जी हाँ मूंगफली के छिलके में मौजूद पोषक तत्व पौधों की जड़ों को मज़बूती देते हैं और उनकी वृद्धि को बढ़ावा देते हैं.

फ़रवरी का महीना गुलाब के पौधों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस समय नई कलियों और कोपलों की शुरुआत होती है. ऐसे में मूंगफली के छिलकों की खाद डालने से ही पौधे न केवल स्वस्थ रहते हैं, बल्कि लंबे समय तक लगातार फूलों से लदे रहते हैं, जिससे बग़ीचे की सुबह भी बढ़ती है.

मूंगफली के छिलकों से कैसे बनाएं

पहला तरीका

मूंगफली के छिलकों से खाद तैयार करने का बेहद सरल और प्रभावी तरीक़ा है. इसे आप आसानी से घर पर दो तरीक़ों से बना सकते हैं. सबसे पहले मूंगफली की सूखे छिलकों को इकट्ठा कर की धूप में अच्छी तरह सुखा लें.

फिर इन सूखे छिलकों को मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें. तैयार पाउडर को गुलाब के पौधों की मिट्टी में हल्के हाथों से मिला दें, और फिर थोड़ा पानी दें. यह जैविक खाद गुलाब के पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है जिससे पौधे स्वस्थ और फूलों से लदे रहते हैं.

दूसरा तरीका

मूंगफली के छिलकों से जैविक खाद तैयार करने का यह तरीक़ा बेहद आसान और पौधों के लिए लाभदायक है. इसके लिए एक कप मूंगफली के छिलकों को एक लीटर पानी में 24 घंटे के लिए भिगो कर रखें.

अगले दिन इस पानी को छान कर अलग कर लें. छन्ने हुए पानी को गुलाब के पौधों में डाली और बचे हुए छिलकों को मिट्टी में अच्छी तरह से मिला दीजिए, यह प्रक्रिया पौधों के लिए प्राकृतिक खाद का काम करती है जिससे उनकी वृद्धि तेज होती हैं, और गुलाब के फूल लंबे समय तक खिलते रहते हैं.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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