1 गिलास छाछ डालने से सब्जियों के पौधों को मिलते हैं ये चौंकाने वाले फायदे, आप भी जानें

Plant Care: क्या आप जानते हैं कि रोज़मर्रा की एक चीज़ 'छाछ' आपके सब्जी के पौधों के लिए कितनी मददगार हो सकती है? एक्सपर्ट की सलाह के साथ जानिए कैसे छाछ से बढ़ती है सब्जियों की सेहत और पैदावार।

हम अक्सर अपने बगीचे या खेत में पौधों को तेजी से बढ़ाने और उनकी सेहत ठीक रखने के लिए महंगे खाद या रसायनों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके किचन में मौजूद एक सादा सा पदार्थ छाछ भी आपके सब्जी के पौधों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है?

छाछ में प्राकृतिक मिनरल्स और प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और पौधों की रोगों से लड़ने की ताकत को मजबूत करते हैं। जानिए एक्सपर्ट के बताए अनुसार छाछ का सही उपयोग और वो चौंकाने वाले फायदे जो आपकी हरियाली को दोगुना कर देंगे।

छाछ के फायदे

छाछ में लैक्टिक एसिड, कैल्शियम और विटामिन होते हैं जो मिट्टी के पोषण स्तर को बेहतर बनाते हैं। जब आप अपने सब्जी के पौधों के पास छाछ डालते हैं, तो यह मिट्टी में माइक्रोब्स के संतुलन को ठीक करता है, जिससे पौधे ज्यादा मजबूत और हरे-भरे हो जाते हैं। साथ ही, छाछ की थोड़ी सी अम्लीय प्रकृति की वजह से मिट्टी के पीएच स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है, जो पौधों की जड़ों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

कैसे डालें छाछ और किन पौधों के लिए है सबसे अच्छा?

छाछ डालने का सही तरीका जानना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट बताते हैं कि हर 5 लीटर पानी में लगभग 100 मिलीलीटर छाछ मिलाकर ही पौधों को देना चाहिए। सीधे पौधे की जड़ों के पास डालना सबसे बेहतर रहता है। टमाटर, बैगन, भिंडी और मूली जैसे सब्जी के पौधों पर इसका असर सबसे अच्छा होता है। इससे ना सिर्फ पौधों की ग्रोथ बढ़ती है, बल्कि कीट भी कम लगते हैं।

छाछ डालने से कैसे बचाएं कीट और बढ़ाएं उपज?

छाछ का उपयोग न केवल पौधों को पोषण देता है, बल्कि ये कीटों को भी दूर भगाने में मददगार होता है। इसका प्राकृतिक अम्लीय तत्व पौधों पर कीटों की संख्या को कम करता है, जिससे रसायनों का इस्तेमाल भी घटता है। इससे किसानों और घर के बागवानों दोनों को फायदा होता है। आने वाले समय में जैसे-जैसे लोग ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं, छाछ जैसे घरेलू नुस्खे और भी ज्यादा लोकप्रिय होंगे।

 

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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