घर में कुछ इस तरह उगाएं मीठी नीम का पौधा, माली से नहीं पूछना पड़ेगा बार-बार टिप्स

Plant Care: घर में मीठी नीम का पौधा उगाना एक आसान और लाभकारी प्रक्रिया हो सकती है। थोड़ी सी देखभाल और सही विधि का पालन करके आप अपने किचन के लिए ताजा और पौष्टिक करी पत्ते उगा सकते हैं, वो भी बिना किसी माली की मदद के।

भावना चौबे
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Plant Care: करी पत्ता, भारतीय व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो खाने में विशेष स्वाद और खुशबू जोड़ता है। अगर आप भी अपने भोजन में ताजे करी पत्ते का उपयोग करना चाहती हैं, तो इसे बाजार से खरीदने की बजाय अपने बगीचे में उगा सकती हैं। इस तरह न सिर्फ आपको ताजा करी पत्ता मिलेगा, बल्कि यह आपके बगीचे में भी एक सुंदर और उपयोगी पौधे की तरह जुड़ जाएगा।

करी पत्ता उगाना वाकई में बहुत आसान और फायदेमंद है। अगर आपके पास थोड़ी सी जगह और कुछ समय है, तो आप भी अपने घर में इसे आसानी से उगा सकते हैं। करी पत्ते का पौधा ना सिर्फ आपके खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व पाचन तंत्र, त्वचा और बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि आप कैसे आसानी से मीठी नीम का पौधा घर पर लगा सकते हैं और किस तरह से इसकी देखभाल भी कर सकते हैं।

बीजों का सही चयन और तैयारी

करी पत्ता उगाने के लिए सही बीजों का चुनाव करना बेहद अहम होता है। पौधे के अच्छे ग्रोथ के लिए मीठी नीम के उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का होना जरूरी है। बीज आप पुराने करी पत्ता के पौधे से प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन यदि आपके पास ऐसा कोई पौधा नहीं है तो बीज नर्सरी से भी खरीद सकते हैं। बीज बोने से पहले इन्हें 24 घंटे के लिए पानी में भिगोएं, अंकुरण में तेजी आती है, जिसे पौधा जल्दी और अच्छी तरह से विकसित हो सकता है।

उपजाऊ मिट्टी और गमले की सही तैयारी

करी पत्ते के पौधे को उगाने के लिए सबसे पहले उपजाऊ मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाले गमले का चुनाव करें। गमले में कोकोपीट, खाद और बालू को अच्छे से मिला लें, ताकि मिट्टी हल्की और पोषक तत्वों से भरपूर हो सके।

बीज बोने की विधि

बीजों को एक सेंटीमीटर गहरी जगह पर रखें और ध्यान रखें कि बीजों के बीच पर्याप्त दूरी हो, ताकि पौधे ठीक से बढ़ सके। गमले को हल्की धूप में रखें और पौधे को नियमित रूप से पानी दें। हर दो-तीन दिन में मिट्टी की नमी को चेक करें और जरूरत के मुताबिक पानी दें।

गोबर की खाद

पौधों को अच्छे से बढ़ाने के बाद गोबर की खाद डालें और समय-समय पर छंटाई करें, जिससे कि पौधा स्वस्थ और हरा भरा रहे। जैसे-जैसे पौधा बढ़ें, उसे रस्सी की मदद से सहारा दें, ताकि वह सही आकार में बढ़ सके।


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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