Plant Care: सर्दी के मौसम में अमरूद को सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल माना जाता है। सर्दी के मौसम में अमरूद का फल हर जगह दिखाई देता है और बहुत से लोग अपने घर में इसका पौधा लगाना पसंद करते हैं।गांव में तो हर घर में अमरूद का पौधा पाया जाता है। अमरूद के फल को प्राकृतिक तरीके से उगाना बहुत ही अच्छा ऑप्शन होता है।
लेकिन कई बार पौधे पर सही देखभाल करने के बाद भी फल और फूल नहीं आते हैं। इसका मुख्य कारण पौधों पर लगने वाली बीमारियां और कीट हो सकते हैं, जो उनके विकास को प्रभावित करती है। इसलिए सही देखभाल की मदद से पौधे को स्वस्थ और अधिक फलदार बनाया जा सकता है।
अमरूद के पौधे की जड़ों को करें चेक
अगर आपके अमरूद के पौधे पर फल नहीं आ रहे हैं तो सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि पौधे में कोई कीड़े या रोग तो नहीं लग गए हैं। कीटों और रोगों से बचाव के लिए समय-समय पर पौधों की जांच करना आवश्यक है। अगर फूल आने के बाद भी फल नहीं आ रहे हैं तो हो सकता है की जड़ों में कोई समस्या हो। ऐसे में जड़ों की सफाई करना और उनकी ठीक से देखभाल करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको जड़ों से पुराने सड़े हुए भागों को निकालकर नया पोषक तत्व देना चाहिए ताकि पौधा स्वस्थ रहे और सही तरीके से फल सके।
इस तरह रखें अमरूद के पौधे का ध्यान
अमरूद के पौधे की देखभाल में ध्यान रखें कि वहां पर गंदगी या खरपतवार ना उगें, क्योंकि यह पौधे की वृद्धि में रुकावट डाल सकते हैं। इसके बाद चुने को पानी में डालकर एक घोल तैयार करें और इसे पौधों की जड़ों में डालें। जड़ों को पोषण मिलने से पौधा स्वस्थ रहेगा। साथ ही जब पेड़ में फूल लग जाए तो गोबर से बने खाद डालें जिससे पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। इसके अलावा नीम की पत्तियों का घोल बनाकर पौधे पर स्प्रे करें। नीम का घोल कीटों को दूर रखता है, जिससे पौधा स्वस्थ रहता है और फलन में भी मदद मिलती है।
नीम की पत्तियों से ऐसे बनाएं स्प्रे
नीम की पत्तियों से तैयार प्राकृतिक पेस्टिसाइड पौधों की देखभाल के लिए बहुत ही अच्छा प्राकृतिक और किफायती ऑप्शन है। इसे बनाने के लिए नीम की पत्तियों को इकट्ठा करके पानी भरे कंटेनर में 48 घंटे के लिए भिगो दें। इसके बाद मिश्रण को छानकर स्प्रे बोतल में भर लें और पौधे पर छिड़के।
इसके अलावा नीम की पत्तियों का पाउडर बनाकर भी आप अमरूद के पौधों के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए पत्तियों को सुखाकर बारीक पीस लें और हफ्ते या महीने में दो-चार चम्मच मिट्टी में मिलाएं। यह न केवल कीटों को दूर रखता है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता भी बेहतर बनाता है।