Plant Care: तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। लेकिन, कई बार अनुचित देखभाल के कारण, विशेषकर मानसून के दौरान, यह सूखने लगता है। अगर आपकी तुलसी भी सूख रही है तो चिंता न करें। कुछ आसान उपायों जैसे कि सही मात्रा में पानी देना, पर्याप्त धूप देना, अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी का उपयोग करना और नियमित रूप से कीटों की जांच करना, आपकी तुलसी को फिर से हरा-भरा बना सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप अपनी तुलसी का पौधा स्वस्थ और हरा-भरा रख सकते हैं।
गमले में करें एक छेद
तुलसी के पौधे को स्वस्थ रखने के लिए उसकी देखभाल करना बेहद जरूरी है। बरसात के मौसम में अक्सर तुलसी के पौधे अधिक पानी मिलने की वजह से सड़ने लगते हैं। इस समस्या से बचने के लिए आप तुलसी के गमले में कुछ छेद कर सकते हैं। ये छेद अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद करेंगे और पौधे की जड़ों को सड़ने से बचाएंगे। गमले में छेद करने से न केवल पौधे को पर्याप्त हवा मिलेगी बल्कि पानी का बहाव भी सुचारू रूप से होगा।
मिट्टी को चेक करते रहें
तुलसी के पौधे को स्वस्थ रखने के लिए मिट्टी की गुणवत्ता बेहद महत्वपूर्ण है। विशेषकर बरसात के मौसम में, जब अधिक पानी पड़ता है, तो मिट्टी की गुणवत्ता बिगड़ सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए आप मिट्टी में खाद मिला सकते हैं। नीम खली या वर्मीकम्पोस्ट जैसे जैविक खाद मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और पौधे को पोषण प्रदान करते हैं। ये खाद न केवल मिट्टी की बनावट में सुधार करते हैं बल्कि पौधे को कीटों और रोगों से भी बचाते हैं। नियमित रूप से मिट्टी में खाद मिलाने से तुलसी का पौधा हरा-भरा और स्वस्थ रहेगा।
रोगों से ऐसे बचाएं
बरसात के मौसम में तुलसी के पौधे को रोगों से बचाना बेहद जरूरी है। अधिक नमी के कारण फफूंद और अन्य रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इन रोगों से बचाने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपना सकते हैं। दूध में एंटीफंगल गुण होते हैं जो पौधे को फफूंद से बचाने में मदद करते हैं। आप दूध को पानी में मिलाकर पौधे पर स्प्रे कर सकते हैं। इसके अलावा, प्याज के छिलकों को उबालकर बनाया गया पानी भी एक प्राकृतिक कीटनाशक है। इसे पौधे पर स्प्रे करने से कीटों और रोगों से बचा जा सकता है। ये दोनों ही उपाय पौधे को स्वस्थ रखने और रोगों से मुक्त रखने में मदद करते हैं।