छोटे से पौधे पर पाएं ढेर सारे फूल, जानें गुलदाउदी लगाने का सही तरीका

Plant Care: गुलदाउदी का पौधा न केवल आपके बगीचे की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि इसके छोटे से पौधे पर भी ढेर सारे फूल उगाए जा सकते हैं। इसे लगाने का सही तरीका अपनाने से आपको बेहतरीन नतीजे मिल सकते हैं।

भावना चौबे
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Plant Care

Plant Care: अधिकतर लोगों को अपने घर में तरह-तरह के पौधे लगाने का शौक होता है। रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाने का शौक सभी को होता है। इन्हीं फूलों वाले पौधों में से एक है, गुलदाउदी का पौधा जिसे मम, सेवंती या सेबाती के नाम से भी जाना जाता है। यह अपने मनमोहन रंगों और अलग-अलग आकृतियों के कारण बगीचे और घर की सजावट में बहुत महत्व रखते हैं।

यह पौधा न केवल दिखने में खूबसूरत होता है, बल्कि इसकी देखभाल करना भी बहुत आसान होता है। जिससे इसे घरों की छतों और बगीचों में सजाने के लिए बहुत पसंद किया जाता है। यदि आप अपने घर में इस सुंदर पौधों को लगाकर भरपूर फुल पाना चाहते हैं, तो उसके सही लगने के तरीके और देखभाल की जानकारी आवश्यक है। इस लेख में हम आपको गुलदाउदी के पौधे को सफलतापूर्वक बनाने के उपाय और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी को साझा करेंगे।

गुलदाउदी की देखभाल के आसान तरीके (chrysanthemum care)

गुलदाउदी का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले गमले के नीचे छेद होना आवश्यक है। ताकि अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल सके और जड़े सड़े नहीं। गमले में अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी और खाद को मिलाकर भरे फिर बीच में एक गड्ढा खोदे और नर्सरी से लाए पौधे या बीज को उसमें लगाएं।

धूप, पानी और खाद का सही संतुलन

इसके बाद पौधे को मिट्टी से ढककर हल्के हाथों से दबाना, अच्छी तरह पानी दें, गमले को ऐसी जगह रखें जहां उसे रोजाना कम से कम 6 घंटे धूप मिले क्योंकि धूप बहुत है की वृद्धि के लिए बहुत जरूरी होती है। पौधे को हर 15 दिन में एक बार खाद दें और नियमित रूप से उसकी छटाई करते रहे। जिससे पौधा घना हो और अधिक फूलों से भर जाए।

गुलदाउदी के लिए सही खाद

गुलदाउदी के पौधे की अच्छी बढ़वार और अधिक फुल पाने के लिए एनपीके अनुपात वाले खाद का उपयोग सबसे उपयुक्त माना जाता है, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का संतुलन होता है। यह तीनों पोषक तत्व पौधे के संपूर्ण विकास से सहायक होते हैं।

गुलदाउदी के लिए पोषण

इस खाद को पानी में घोलकर पौधों को देने से जड़ों को सही पोषण मिलता है। लेकिन ध्यान रखें की खाद सीधी जड़ों पर ना पड़े। ताकि जड़े सुरक्षित रहे, इसके अलावा गुलदाउदी के लिए नीम की खली, चाय की पत्ती, अंडे के छिलके जैसे प्राकृतिक खाद भी अच्छे ऑप्शन होते हैं, जो पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं और उसे स्वस्थ रखते हैं।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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