Planting Tips: हल्दी, भारतीय रसोई की शान, न केवल स्वाद बढ़ाती है, बल्कि अनेक औषधीय गुणों से भी भरपूर है। जहाँ हल्दी का पीला रंग हमारे व्यंजनों को स्वर्णिम बनाता है, वहीं काली हल्दी, जिसे “ब्लैक टरमरिक” के नाम से भी जाना जाता है, अपने अनोखे गुणों और रंग के लिए जानी जाती है। यह दुर्लभ मसाला, सामान्य हल्दी की तुलना में अधिक गहन, मिट्टी जैसी सुगंध रखता है। काली हल्दी में सक्रिय तत्व की मात्रा अधिक होती है, जो इसे एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर बनाते हैं। इसके सेवन से जोड़ों का दर्द, गठिया, पाचन क्रिया में सुधार, मधुमेह नियंत्रण, और त्वचा स्वास्थ्य में लाभ मिलता है। काली हल्दी का उपयोग चाय, दूध, करी, और चावल में किया जा सकता है। यह आपके व्यंजनों को न केवल एक अनोखा स्वाद देगी, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होगी, तो देर किस बात की? आज ही अपने घर पर काली हल्दी का पौधा लगाएं और किचन के मसलों में करें शामिल।
कैसा होता है काली हल्दी का पौधा
काली हल्दी का पौधा अदरक के समान होता है, जिसमें हरी-पीली पत्तियां और सफेद फूल होते हैं। काली हल्दी की पत्तियां अंडाकार या लांसोलेट (तलवार के आकार) होती हैं। पत्तियों का रंग हरा-पीला होता है। पत्तियों की नसें स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। काली हल्दी के फूल सफेद होते हैं। ये गुच्छों में खिलते हैं। फूलों में हल्की सुगंध होती है। काली हल्दी की जड़ गहरे रंग की होती है। जड़ों में गांठें होती हैं और यह अक्सर विभाजित होता है। इसकी जड़ों में औषधीय गुण होते हैं।
कैसे लगाएं काली हल्दी का पौधा
सामग्री:
कंटेनर: 10 इंच गहरा या उससे बड़ा गमला
मिट्टी: 50% कोको-पीट और 50% वर्मीकम्पोस्ट का मिश्रण
बीज या जड़: आप काली हल्दी के बीज या जड़ का उपयोग कर सकते हैं।
खाद: गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट
पानी:
विधि:
1. 10 इंच गहरा या उससे बड़ा गमला चुनें। सुनिश्चित करें कि गमले में जल निकासी छेद हों।
2. कोको-पीट और वर्मीकम्पोस्ट को अच्छी तरह मिलाकर मिट्टी का मिश्रण तैयार करें। यह मिश्रण हल्का, ढीला और अच्छी तरह से हवादार होना चाहिए।
3. यदि आप बीज का उपयोग कर रहे हैं, तो उन्हें 2-3 इंच गहरे गड्ढे में बोएं और मिट्टी से ढक दें। यदि आप जड़ का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे 1-2 इंच गहरे गड्ढे में रखें और मिट्टी से ढक दें।
4. मिट्टी को थोड़ा गीला करें, लेकिन पानी जमा न होने दें।
5. गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ उसे दिन में कम से कम 4-6 घंटे सूरज की रोशनी मिले।
6. काली हल्दी को 20-30 डिग्री सेल्सियस के तापमान की आवश्यकता होती है।
7. पौधे को नियमित रूप से पानी से स्प्रे करें, खासकर यदि हवा शुष्क हो।
8. हर 2-3 महीने में एक बार गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें।
9. मृत या पीली पत्तियों को नियमित रूप से हटाते रहें।