मन को कैसे करें कंट्रोल? प्रेमानंद जी महाराज के ये नियम बदल देंगे आपकी जिंदगी

Premanand Ji Maharaj: क्या आप भी अपने मन को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं? चिंता न करें, प्रेमानंद जी महाराज के सरल और प्रभावशाली नियम आपकी मदद कर सकते हैं। उनकी दिनचर्या और नियमावली न सिर्फ मन को शांत करती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सफलता भी लाती है।

Bhawna Choubey
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प्रेमानंद महाराज जी को कौन नहीं जानता, बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी प्रेमानंद महाराज जी को अच्छी तरह से जानते हैं। सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी महाराज की कई वीडियो वायरल होती है, प्रेमानंद जी महाराज की बातें सुनने और अपने मन की उलझनों को सुलझाने के लिए लोग दूर दूर से उनके पास आते हैं, और अपने मन की व्यथा बताते हैं और महाराज जी से इसका समाधान मानते हैं।

प्रेमानंद महाराज जी लोगों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीवन से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं, उन्हें वे मंत्र बताते हैं जिससे कि व्यक्ति जीवन भर ख़ुशहाल रह सकें। ज़्यादातर देखा गया है कि लोग अपनी ज़िंदगी में चल रही उलझनों के बारे में ही सवाल करते हैं, इसी के चलते जब एक बार एक व्यक्ति ने प्रवचन में प्रेमानंद जी महाराज से पूछा, महाराज जी मन को कंट्रोल करना इतना मुश्किल क्यों हैं?

प्रेमानंद जी महाराज के ये नियम बदल देंगे आपकी जिंदगी (Premanand Ji Maharaj)

मन को नियंत्रित करने के लिए दिनचर्या का महत्व

इसको लेकर प्रेमानंद जी महाराज ने बताया की प्रातः काल से सायंकाल तक हर एक व्यक्ति की अपनी अलग दिनचर्या होती है, कई लोग ऐसा भी करते हैं कि आज 4 बजे उठ रहे हैं, कल 6 बजे उठ रहे हैं, किसी और दिन 7 बजे उठ रहे हैं, ऐसे में फिर आप अपने मन को कंट्रोल नहीं कर पाएंगे। मन के लिए एक दिनचर्या होनी चाहिए, इस दिनचर्या में आपको अपने कामों के लिए समय को फिक्स करना होगा। जैसे की अगर आप 11 बजे खाना खा रहे हैं, तो आपको रोज़ाना अब खाना खाने का समय 11 बजे ही रखना चाहिए। अगर आपका सोने का समय रात में 10 बजे हैं, फिर यह समय 10:15 भी नहीं होना चाहिए। ऐसा ही उठने के समय भी हमें करना है, अगर आप सोच रहे है कि आपको रोज़ाना 5 बजे उठना है, तो आपको अपने मन को यह बात समझानी होगी,  रोज़ाना 5 बजे ही उठना होगा 5:15 भी नहीं होना चाहिए।

मन को जीतने के लिए दिनचर्या का निरंतर पालन जरूरी

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मन बड़ा ही चंचल होता है, मन अक्सर हमें उन कामों को करने के लिए उकसाता है जो हमारे लिए फ़ायदेमंद नहीं होते हैं, क्योंकि मन को आराम बहुत अच्छा लगता है, लेकिन आराम व्यक्ति के शरीर के लिए अच्छा नहीं है। मन हमेशा हमें सही मार्ग पर चलने से रोकता और हमें आलस की तरफ़ बढ़ाता है, अगर हम एक दिनचर्या बना रहे हैं, रोज़ाना उसका पालन कर रहे हैं, तो ऐसे में हम हमारे मन को आसानी से हरा सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा, ये जो दिनचर्या पहले दिन शुरू की है उसी को हर दिन फ़ॉलो करना है, थोड़ा बहुत भी मन के बहकावे में आकर अगर आपने अपनी दिनचर्या का पालन नहीं किया, तो फिर आप इस तरह मन को कभी नहीं हरा नहीं पाएँगे।

ध्यान से दिन की शुरुआत करें

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि उठने के बाद हमें कुछ समय ईश्वर के लिए निकालना चाहिए, रोज़ाना सुबह उठने के बाद ध्यान करने की आदत डालें, इसके बाद आप अपने दिन भर के सारे काम करें, लेकिन अगर आप मुश्किल से मुश्किल आधा घंटा भी ईश्वर के लिए निकाल रहे हैं, ध्यान कर रहे हैं, तो आप देखेंगे कि आपका दिनभर बहुत ही सकारात्मक ऊर्जा के साथ बीतेगा।

लेकिन इस बात को लेकर प्रेमानंद जी महाराज ने यह भी बताया कि इसका यह मतलब नहीं है कि आप सुबह के आधे घंटे ईश्वर के लिए निकालते हैं ध्यान करते और फिर दिनभर अधर्म के मार्ग पर चलते हैं, लोगों के साथ बुरा करते हैं, ग़लत का साथ देते हैं, अगर आप यह सब करते हैं या इन कामों में शामिल रहते हैं, ऐसे में आपका ध्यान करना और माला जपना बर्बाद चला जाएगा। आप दिनभर में जो भी काम करते हैं फिर चाहे वह घर का हो या फिर बाहर का इस बात का ध्यान रखें कि आप ग़लत का साथ न दें, किसी के साथ ग़लत न करें।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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