Premanand Ji Maharaj: जैसे-जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे-वैसे आज के समय में प्रेम संबंधों को लेकर लोगों की सोच और समझ काफ़ी बदल चुकी है। हर किसी के जीवन में प्रेम होता है, चाहे कल का हो या आज का। लेकिन कई बार लोगों का प्रेम अधूरा रह जाता है और बाद वे वहाँ तक नहीं पहुँच पाती है। ऐसे में हम प्यार किसी और व्यक्ति से करते हैं और हमारी शादी किसी और से हो जाती है। यह स्थिति आज के समय में बेहद आम हो चुकी है।
शादी का मतलब सिर्फ़ दो लोगों का साथ होना नहीं होता है बल्कि यह है कि ऐसा पवित्र बंधन होता है जो जीवन भर का साथ, बिना शर्त प्यार और एक दूसरे के प्रति विश्वास की माँग रखता है। यह सिर्फ़ वो एक सामाजिक रिश्ता नहीं है, बल्कि दो लोगों के बीच का भावनात्मक रिश्ता भी है। कई बार लोग ऐसी स्थिति में ख़ुद को समझाते हैं, अपने पुराने प्रेम को भूलकर, इसके साथ ही शादी हुई है उसके साथ ख़ूबसूरत रिश्ता बनाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या हमें अपने पति या पत्नी को अपने पुराने रिश्तों के बारे में बताना चाहिए या फिर छिपाना चाहिए।

प्रेमानंद जी महाराज के विचार (Premanand Maharaj Thoughts)
इस विषय में प्रेमानंद जी महाराज ने अपने कुछ विचार साझा किए हैं, अगर आपके मन में भी यह उलझन है, और आपको इस उलझन का समाधान नहीं मिल रहा है। तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएँगे की प्रेमानंद जी महाराज इस विषय में क्या कहते हैं? प्रेमानंद जी महाराज किसी पहचान के मोहताज नहीं है, प्रेमानंद जी महाराज को बड़े लोगों से लेकर बच्चे तक सभी जानते हैं, चलिए फिर उनके विचारों को जान लेते हैं।
प्यार और विश्वास पर टिका रहता है रिश्ता
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि किसी भी रिश्ते में प्रेम और विश्वास दोनों बेहद ज़रूरी होते हैं। इन दोनों के होते हुए रिश्ता बहुत मज़बूत बनता है और लंबा चलता है। उन्होंने कहा कि शादी के बाद हर व्यक्ति को अपने जीवन साथी के प्रति पूरी तरह से वफ़ादार और ईमानदार होना चाहिए। पहली आपका रिश्ता किसी के साथ कैसा भी क्यों ना हो, अगर आपकी शादी हो चुकी है तो आपको अपने पति और पत्नी के साथ पूरी तरह से ईमानदार रहना चाहिए। यह ईमानदारी और वफ़ादारी न केवल रिश्ते को मज़बूत बनाती है बल्कि दोनों के बीच गहरा प्यार और विश्वास भी पैदा करती है।
पुराने रिश्तों के बारे में नहीं करनी चाहिए बातें
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि भले ही आपका शादी के पहले का प्रेम जीवन बहुत ख़ुशहाल हो, बहुत यादगार रहा हो, लेकिन विवाह के बाद अपने अतीत को पीछे छोड़कर अपने वर्तमान साथी के साथ ख़ुशहाल जीवन जीने बाद ध्यान देना चाहिए। प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि पुराने प्रेम के बारे में बात करना या उसे बार बार याद करना आपके रिश्ते में नकारात्मकता ला सकता है, यह बातें और यादें आपके विवाहित जीवन पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।