अब भी नहीं सुधरे तो पछताओगे! प्रेमानंद महाराज ने बताई 5 आदतें जो उजाड़ देती हैं बसा-बसाया घर

कई बार इंसान खुद ही अपनी खुशहाल गृहस्थी को तबाह कर देता है, वो भी बिना समझे। प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में ऐसे 5 कारण गिनाए जो घर की शांति, प्यार और बरकत को धीरे-धीरे खत्म कर देते हैं। जानिए क्या हैं वो बातें, जो वक्त रहते सुधार ली जाएं तो बच सकती है बर्बादी।

हर इंसान चाहता है कि उसका घर हमेशा प्यार, शांति और खुशियों से भरा रहे। लेकिन कई बार हम खुद ही कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो हमारे अपने घर को तोड़ने लगती हैं। ये गलतियां हमारी सोच, आदतों और व्यवहार में छिपी होती हैं, जिनका असर हमें तब पता चलता है जब चीज़ें हाथ से निकलने लगती हैं।

संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) ने हाल ही के एक प्रवचन में बताया कि पांच ऐसी बातें हैं, जो अगर किसी घर में आ जाएं तो वो घर धीरे-धीरे बिखरने लगता है। ये बातें भले ही रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा लगें, लेकिन इनका असर बहुत गहरा और दूरगामी होता है। आइए जानते हैं वो पांच बातें, जिनसे बचना हर किसी के लिए ज़रूरी है।

ये 5 बातें बना देती हैं खुशहाल घर को नरक

1. अहंकार

जब घर के किसी सदस्य में अहंकार आ जाता है और उसे लगता है कि वही सबसे सही है, तो रिश्तों में दूरी बढ़ने लगती है। सम्मान की कमी, टकराव और ईगो की वजह से घर का माहौल बिगड़ने लगता है। अहंकार परिवार की शांति का सबसे बड़ा दुश्मन है।

2. झूठ बोलना

रिश्तों में ईमानदारी सबसे अहम होती है। अगर घर के सदस्य आपस में झूठ बोलने लगें, तो भरोसे की नींव कमजोर हो जाती है। एक झूठ से शक और गलतफहमी जन्म लेती है, जो धीरे-धीरे पूरे परिवार को तोड़ सकती है। घर बचाना है तो सच जरूरी है।

3. अशुद्ध भोजन और गलत कमाई

अगर घर में अशुद्ध खाना या बुरी कमाई से कमाया गया धन आता है, तो उसका असर सिर्फ शरीर पर नहीं, बल्कि पूरे परिवार की ऊर्जा पर पड़ता है। ऐसा पैसा और खाना नकारात्मकता फैलाते हैं और घर की सुख-शांति धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।

4. दूसरों की निंदा करना

अगर किसी घर में हर वक्त दूसरों की बुराई और निंदा होती रहती है, तो वहां मानसिक अशांति और कलह घर कर लेती है। निंदा से घर का माहौल जहरीला बनता है और रिश्तों में जहर घुलता है। सकारात्मक बातें ही सुखद वातावरण बनाती हैं।

5. ईश्वर से दूरी

जब घर के लोग भक्ति, पूजा या ध्यान से दूर हो जाते हैं, तो घर में आध्यात्मिक ऊर्जा की कमी हो जाती है। इससे मन अशांत रहता है और छोटी-छोटी बातों में कलह बढ़ता है। ईश्वर से जुड़ाव घर में शांति, प्रेम और सामंजस्य बनाए रखता है।

गृहस्थ जीवन में शांति बनाए रखने के लिए क्या करें?

सिर्फ बुरी आदतों को छोड़ना काफी नहीं होता, कुछ अच्छी आदतें भी अपनानी पड़ती हैं। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, अगर हर सुबह घर में दीप जलाकर प्रार्थना की जाए, आपस में आदर और संवाद बना रहे, तो नेगेटिविटी टिक ही नहीं सकती।

बुजुर्गों की बातों का सम्मान करना, छोटे-बड़ों के बीच प्यार बनाए रखना और धन को सही कामों में लगाना, ये सब मिलकर घर में सुख और समृद्धि लाते हैं। जब घर में पॉजिटिव माहौल होता है, तो बच्चे भी अच्छे संस्कार सीखते हैं और पूरे परिवार की तरक्की होती है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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